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बिरसा मुंडा के 123वें शहादत दिवस पर बोले वरिष्ठ पत्रकार अनुज सिन्हा, आने वाली पीढ़ियां भी जानें उलगुलान गाथा

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भगवान बिरसा की जीवनी, संघर्ष और उलगुलान की गाथा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की जरूरत है ताकि झारखंड के वीरों की गाथा हर किसी के जेहन में बनी रहे क्योंकि इतिहास रचने के लिए कोई लंबा समय नहीं बल्कि एक निश्चय ही काफी होता है.

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रांची: धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के 123वें शहादत दिवस पर रांची के जेल चौक स्थित पुराना जेल परिसर में अखिल भारतीय आदिवासी महासभा और आदिवासी अधिकार मंच के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि प्रभात खबर के वरिष्ठ पत्रकार अनुज सिन्हा ने सभा को संबोधित किया. उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी पर प्रकाश डाला. इस दौरान उन्होंने धरती आबा के साथ हुई साजिश का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि झारखंड के वीरों में बड़ी शक्ति रही है, लेकिन दुर्भाग्य रहा कि यहां अपनों ने अपनों को धोखा दिया है. धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के साथ भी यही हुआ था.

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प्रेरणा है भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी

श्री सिन्हा ने कहा कि भगवान बिरसा की जीवनी, संघर्ष और उलगुलान की गाथा को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की जरूरत है ताकि झारखंड के वीरों की गाथा हर किसी के जेहन में बनी रहे क्योंकि इतिहास रचने के लिए कोई लंबा समय नहीं बल्कि एक निश्चय ही काफी होता है और भगवान बिरसा की जीवनी हमें एक आत्मविश्वास देता है. इतिहास गढ़ने की प्रेरणा और हिम्मत भी देती है. आज इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में झारखंड के चतरा, हजारीबाग, जमशेदपुर, सरायकेला, खरसावां, रांची, खूंटी, गढ़वा सहित विभिन्न जिलों से आंदोलनकारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं कलाकार पहुंचे. कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया. वहीं कलाकारों और गायकारों ने झारखंडी गीत और कवियों कविताओं से समा बांध दिया. कार्यक्रम का संचालन एलिस चेरोवा जबकि धन्यवाद ज्ञापन रोशन होरो ने किया.

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कार्यक्रम में ये थे मौजूद

इस मौके पर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के संयोजक अजय सिंह, आदिवासी अधिकार मंच की आलोका कुजुर, सामाजिक कार्यकर्ता फरजाना फारुकी, मो मोइजुद्दीन, फैजिन फातिमा, अमरेश झा, दीपक किस्कू, जयवंती होरो, रूपी उरांव, मार्था तिग्गा, बीरसिंह मुंडा, सुमन डोड़राय, एतवा मुंडा, विश्राम डोडराय, बसंती भोक्ता, निशू भोक्ता, मुकेश भगत, प्रियंका देवी, चिंता देवी, अनीता लकड़ा, डॉक्टर सुरिंदर कौर नीलम, सीताराम उरांव, बुधवा मुंडा दाले उरांव, रोशन होरो सहित अन्य उपस्थित थे.

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