15.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 10:23 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

कर्पूरी ठाकुर की नीतियाें-विचारों को मोदी सरकार ने विस्तार दिया है

Advertisement

एक साधारण पृष्ठभूमि में जन्मे श्री ठाकुर अपनी युवावस्था से ही भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए और ब्रिटिश शासन के खिलाफ हुए प्रमुख आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बाबूलाल मरांडी

- Advertisement -

भारत सरकार ने स्वर्गीय जननायक श्री कर्पूरी ठाकुर जी को मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने की घोषणा की है. यह सम्मान एक स्वतंत्रता सेनानी और समाज के हाशिये पर खड़े वर्गों के लिए किये गये उनके अथक प्रयास व उल्लेखनीय योगदान के लिए एक श्रद्धांजलि है. मानवतावादी मूल्यों और सामाजिक न्याय के समर्थक के रूप में कर्पूरी ठाकुर जी की यात्रा उनके प्रारंभिक जीवन से ही शुरू हो गयी थी. एक साधारण पृष्ठभूमि में जन्मे श्री ठाकुर अपनी युवावस्था से ही भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए और ब्रिटिश शासन के खिलाफ हुए प्रमुख आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया. भारत की आजादी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अटूट थी और उन्होंने भारत को आजादी दिलाने के बाद भी न्याय और समानता के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी.

अपने संपूर्ण जीवनकाल में कर्पूरी ठाकुर जी ने खुद को उन लोगों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया, जिन्हें पारंपरिक रूप से निचली जाति का माना जाता था. वह जाति व्यवस्था के मुखर विरोधी थे और जाति व्यवस्था द्वारा थोपे गये उत्पीड़न को कम करने के लिए अथक प्रयास करते रहे. उनके प्रयास केवल भाषणों और विरोध प्रदर्शनों तक ही सीमित नहीं थे,अपितु उन्होंने बिहार के सुदूर इलाकों में जमीनी स्तर पर काम किया और सबसे वंचित लोगों के जीवन में बदलाव लाया. ठाकुर जी की विरासत का सबसे महत्वपूर्ण पहलू तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सत्तावाद का विरोध करना था. उनका यह रुख उन्हें महंगा पड़ा, जिसके कारण उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल गंवाना पड़ा.

Also Read: कर्पूरी ठाकुर की 100 वीं जयंती पर स्मृति विशेष, जननायक के साथी ने साझा कीं अपनी अमिट यादें

हालांकि, अत्याचार के खिलाफ खड़े होने के उनके साहस ने उन्हें बहुत सम्मान दिलाया, जिससे भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उनकी पहचान सुदृढ़ हुई. इंदिरा गांधी सरकार का विरोध करने के लिए गठित राजनीतिक समूह ””””जनता पार्टी”””” में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण थी. वह इस प्रतिरोध में सबसे आगे थे, उन्होंने हाशिये पर पड़े लोगों का समर्थन करने वाली नीतियों को बढ़ावा देने के साथ,अधिनायकवाद के खिलाफ लड़ाई को संतुलित किया. हाशिये पर पड़े लोगों के हित में उनके अटूट विश्वास के कारण अटल बिहारी वाजपेयी जैसे प्रमुख नेताओं ने उन्हें बिहार, एक ऐसा राज्य जो उस समय श्रीमती गांधी के शासन के खिलाफ राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र था, का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी.

यद्यपि मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल छोटा था, लेकिन उनकी नीतियों और राजनीतिक विचारों ने एक स्थायी प्रभाव छोड़ा. उनके विचार और नीतियां भाजपा के सिद्धांतों से मेल खाती हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार के विकासात्मक एजेंडे में परिलक्षित होती हैं. वर्तमान सरकार की कई नीतियों को, जाति-आधारित उत्पीड़न को खत्म करने और समाज के पिछड़े और दलित वर्गों को उचित अवसर प्रदान करने के ठाकुर जी के दृष्टिकोण के विस्तार के रूप में देखा जा सकता है. सामाजिक न्याय के प्रति उनके दृढ़ विश्वास और प्रतिबद्धता की नीति आज भी देश के नेताओं को प्रेरित और मार्गदर्शित करती है.

कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न प्रदान करते समय, भारत सरकार न केवल उस व्यक्ति को, बल्कि उन आदर्शों को भी मान्यता देती है, जिनके लिए वह अडिग खड़े रहे. जो लोकतंत्र, समानता और सामाजिक न्याय की निरंतर खोज के स्थायी मूल्यों की याद दिलाती है. यह सम्मान एक ऐसा सम्मान है, जो एक नेता के रूप में ठाकुर जी को, जो कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, भारत के लोगों- विशेष रूप से सबसे कमजोर लोगों के कल्याण के प्रति अपने समर्पण में दृढ़ रहे, विरासत के कारण मिला है. स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना भारत के सामाजिक और राजनीतिक ताने-बाने में उनके असाधारण योगदान की एक महत्वपूर्ण स्वीकृति है.

लेखक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें