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रांची के इस अस्पताल को बैक डेट से CEA लाइसेंस जारी करने पर सिविल सर्जन से मांगा गया जवाब, जानें पूरा मामला

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रांची के दृष्टि नेत्रालय अस्पताल के प्रबंधन ने बिना अनुमति के अपने प्रतिष्ठान का नाम बदल दिया था. सिविल सर्जन ने इस पर जुर्माना लगाया था, अस्पताल का लाइंसेस भी रद्द कर दिया था. बाद में प्रबंधन के आवेदन को स्वीकार कर सीएस ने अस्पताल चलाने की अनुमति दे दी.

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Prabhat Impact: क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट(सीइए) लाइसेंस बैंक डेटिंग मामले में झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी (झसास) ने रांची के सिविल सर्जन ने जवाब-तलब किया है. सिविल सर्जन द्वारा दृष्टि नेत्रालय को सीइए लाइसेंस रद्द करने, 50 हजार रुपये दंड लगाने के बाद उसे पिछली तिथि से सीइए लाइसेंस देने के मामले में सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक ने यह कार्रवाई की है. सरकार ने ‘दृष्टि नेत्रालय’ को सीइए लाइसेंस दिया था. लेकिन, अस्पताल प्रबंधन ने सरकार की अनुमति के बिना ही नाम बदल कर ‘दृष्टि आइ हॉस्पिटल’ कर लिया. लेकिन दृष्टि नेत्रालय के नाम पर ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत इलाज के भुगतान का दावा करना जारी रखा. इस अवधि में अस्पताल ने 1123 मरीजों के इलाज के लिए 88.11 लाख रुपये का दावा किया.

अस्पताल प्रबंधन ने अपने स्तर से बदल दिया नाम

अस्पताल प्रबंधन द्वारा ‘दृष्टि नेत्रालय’ के बदले अपने ही स्तर से ‘आयुष्मान भारत योजना’ करने की जानकारी मिलने के रांची के सिविल सर्जन ने 24 नवंबर 2023 को आदेश जारी कर नाम बदलने के आरोप में अस्पताल प्रबंधन पर 50 हजार का अर्थदंड लगाया. साथ ही अस्पताल का सीइए लाइसेंस रद्द कर दिया. सिविल सर्जन द्वारा की गयी इस कार्रवाई के बाद अस्पताल प्रबंधन ने 24 नवंबर को ही सिविल सर्जन को एक पत्र भेजा. इसमें अस्पताल प्रबंधन की ओर से यह दावा किया गया कि दृष्टि आइ हास्पिटल, दृष्टि नेत्रालय की एक इकाई है. दोनों ही एक छत के नीचे चल रही है.

सिविल सर्जन की अनुमति से बैक डेट से प्रभावी हो गया लाइसेंस

इसके में अस्पताल प्रबंधन की ओर से 28 नवंबर को रांची सिविल सर्जन को दूसरा पत्र दिया गया. इसमें अस्पताल प्रबंधन ने नाम बदलने की बाद स्वीकार की. साथ ही यह तर्क भी दिया कि ऐसा उन्होंने सीइए के नियमों की जानकारी नहीं होने की वजह से की है. प्रबंधन द्वारा दिये गये इस आवेदन पर सिविल सर्जन ने अस्पताल प्रबंधन को अपने पुराने नाम (दृष्टि नेत्रालय) पर अस्पताल चलाने की अनुमति दे दी. सिविल सर्जन के इस फैसले से अस्पताल को नया सीइए लाइसेंस 29 जून 2023 से प्रभावी हो गया, जो गलत है. नियमानुसार, दृष्टि नेत्रालय का नया लाइसेंस 28 नवंबर से प्रभावी होना चाहिए था. सिविल सर्जन ने अस्पताल प्रबंधन पर लगा गया दंड की राशि की वसूली भी नहीं की. स्टेट आरोग्य सासाइटी ने अस्पताल सीइए लाइसेंस पिछली तिथि से प्रभावी करने के मामले में सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण मांगा है.

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रांची के इस अस्पताल को बैक डेट से cea लाइसेंस जारी करने पर सिविल सर्जन से मांगा गया जवाब, जानें पूरा मामला 2

आयुष्मान योजना में अस्पताल का दावा

  • महीना — राशि (रुपये में)

  • जुलाई — 3.16 लाख

  • अगस्त — 16.40 लाख

  • सितंबर — 18.20 लाख

  • अक्तूबर— 22.56 लाख

  • नवंबर— 27.78 लाख

Also Read: झारखंड में सीइए लाइसेंस के बिना ही चल रहे दर्जनों अस्पताल, लेकिन सरकारी स्तर पर नहीं हो रही कोई कार्रवाई

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