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7 वीं जेपीएससी पीटी मामले में प्रार्थियों को नहीं मिली अंतरिम राहत, आयोग को हाईकोर्ट ने दिया ये निर्देश

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झारखंड हाईकोर्ट ने अभियार्थियों को अंतरिम राहत नहीं दी है, हालांकि इस मामले पर फिर से चार जनवरी सुनवाई होगी, जिसमें हाईकोर्ट ने आयोग को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दायर करने का निर्देश दिया.

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रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने सातवीं से 10वीं जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में कम मार्क्स को लेकर दायर याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई की. अदालत ने प्रार्थियों व झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) का पक्ष सुनने के बाद किसी प्रकार की अंतरिम राहत नहीं दी. हालांकि, जेपीएससी को चार जनवरी तक शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने छह जनवरी 2022 की तिथि निर्धारित की.

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता जयप्रकाश झा ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि जेपीएससी ने सही तरीके से मूल्यांकन नहीं किया है. कम मार्क्स दिया है, जबकि प्रार्थी ने अपना ओएमआर शीट का स्व मूल्यांकन किया, तो उसे आयोग द्वारा दिये गये अंक से अधिक अंक आ रहा है.

उनसे कम अंक लानेवाले अभ्यर्थी का चयन कर लिया गया है. मुख्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति देने का आग्रह किया. वहीं, जेपीएससी की अोर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल, अधिवक्ता प्रिंस कुमार व अधिवक्ता राकेश रंजन ने अदालत को बताया कि एक प्रार्थी का ओएमआर शीट रिजेक्ट हो गया है, जबकि दूसरे प्रार्थी को कम मार्क्स प्राप्त हुआ है, जो सही है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी कुमारी कंचन मेहता व अदिति ईशा प्राची तिर्की ने अलग-अलग याचिका दायर की है.

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