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सब्जी-फलों की 750 टन की बिक्री, 73.5 लाख का हुआ कारोबार

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ग्रामीण विकास विभाग की जोहार परियोजना का लाभ झारखंड के किसानों को मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान भी किसानों को उनकी उपज के लिए बाजार मिल रहा है तथा उनके उत्पादों की सही कीमत भी.

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रांची : ग्रामीण विकास विभाग की जोहार परियोजना का लाभ झारखंड के किसानों को मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान भी किसानों को उनकी उपज के लिए बाजार मिल रहा है तथा उनके उत्पादों की सही कीमत भी. परियोजना के तहत गठित किसानों केे 3244 उत्पादक समूह को कृषि संबंधी कार्य एवं बाजार उपलब्ध कराये जा रहे हैं. अब तक 335 उत्पादक समूहों को उनके कृषि उत्पाद की अच्छी कीमत मिल चुकी है.

विभिन्न जिलों में नौ उत्पादक कंपनियों के माध्यम से अब तक 750 मीट्रिक टन सब्जी एवं फलों की बिक्री के जरिये 73.5 लाख का कारोबार हुआ है. जिन किसानों की उपज खेतों में बर्बाद होने को थी, वह अच्छी कीमत पर बिकी है. अच्छी कीमत व बाजार मिले उत्पादकों कोगोला प्रखंड के बरियातू उत्पादक समूह की नुनिबला देवी ने कहा कि उनके तरबूज के लिए गांव के व्यापारी पांच-सात रुपये प्रति किलोग्राम का दाम लगा रहे थे.

पर रजरप्पा किसान उत्पादक कंपनी से उन्हें आठ से 10 रु प्रति किलो की कीमत मिली. उधर रांची की सरहुल आजीविका किसान उत्पादक कंपनी की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर शशि बाला ने कहा कि केले की बिक्री स्थानीय स्तर पर तीन रुपये किलो हो रही थी, लेकिन उत्पादक कंपनी के माध्यम से हमें आठ रुपये प्रति किलो की कीमत मिली है. जोहार परियोजना के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बिपिन बिहारी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमने किसानों के उत्पादों के लिए झारखंड के अलावा बिहार, ओड़िशा व पश्चिम बंगाल में भी बाजार उपलब्ध कराये हैं.

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