16.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 07:37 am
16.1 C
Ranchi
HomeJharkhandRanchiरांची शहर में हर साल हो रही है 30 हजार नयी बोरिंग

रांची शहर में हर साल हो रही है 30 हजार नयी बोरिंग

- Advertisment -

रांची. रांची शहर में लगभग 2.40 लाख घर है. इनमें से सिर्फ 1.22 लाख घरों में सप्लाई पानी के लिए पाइपलाइन बिछी हुई है. वहीं, सप्लाई पानी का कोई टाइम टेबल निर्धारित नहीं है. इस कारण लोग पूरी तरह से बोरिंग पर आश्रित हो गये हैं. यही वजह है कि रांची शहर में हर साल 30 हजार नयी बोरिंग हो रही है.

रांची रिंग ओनर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मानें, तो वर्ष 2016 से पहले शहर में हर साल लगभग 10 हजार बोरिंग होती थी. लेकिन, नयी-नयी कॉलोनियों के बसने व वाटर लेवल के नीचे जाने के कारण शहर में सालाना 30 हजार से अधिक बोरिंग हो रही है. इधर, इतनी संख्या में बोरिंग होने के कारण भूगर्भ जल का स्तर दिनोंदिन नीचे जा रहा है. पहले 150 फीट बोरिंग कराने पर ही पीने लायक पानी निकल जाता था और बोरिंग कभी सूखती नहीं थी. आज लोग पानी की चाहत में 600 से 800 फीट तक बोरिंग करवा रहे हैं.

शहर में बोरिंग करने के लिए 120 रिंग मशीन निबंधित

रांची नगर निगम क्षेत्र में बोरिंग करने के लिए 120 रिंग मशीनों का निबंधन किया गया है. एक बोरिंग वाहन से साल में लगभग 250 बोरिंग की जाती है. इस प्रकार से 120 बोरिंग वाहनों से साल में लगभग 30 हजार बोरिंग की जाती है.

लगातार नीचे जा रहा भूगर्भ जल का स्तर

शहरीकरण का असर राजधानी रांची पर इस कदर हुआ है कि अब बारिश का पानी धरती के अंदर नहीं पहुंचता है. दिन-प्रतिदिन खुली जगह की कमी होने व बड़ी-बड़ी इमारत बनने के कारण बारिश का पानी सड़क, नाला व नदी होते हुए शहर से बाहर निकल जा रहा है. नतीजा भूगर्भ जल का स्तर दिनोंदिन नीचे जा रहा है.

रांची. रांची शहर में लगभग 2.40 लाख घर है. इनमें से सिर्फ 1.22 लाख घरों में सप्लाई पानी के लिए पाइपलाइन बिछी हुई है. वहीं, सप्लाई पानी का कोई टाइम टेबल निर्धारित नहीं है. इस कारण लोग पूरी तरह से बोरिंग पर आश्रित हो गये हैं. यही वजह है कि रांची शहर में हर साल 30 हजार नयी बोरिंग हो रही है.

रांची रिंग ओनर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मानें, तो वर्ष 2016 से पहले शहर में हर साल लगभग 10 हजार बोरिंग होती थी. लेकिन, नयी-नयी कॉलोनियों के बसने व वाटर लेवल के नीचे जाने के कारण शहर में सालाना 30 हजार से अधिक बोरिंग हो रही है. इधर, इतनी संख्या में बोरिंग होने के कारण भूगर्भ जल का स्तर दिनोंदिन नीचे जा रहा है. पहले 150 फीट बोरिंग कराने पर ही पीने लायक पानी निकल जाता था और बोरिंग कभी सूखती नहीं थी. आज लोग पानी की चाहत में 600 से 800 फीट तक बोरिंग करवा रहे हैं.

शहर में बोरिंग करने के लिए 120 रिंग मशीन निबंधित

रांची नगर निगम क्षेत्र में बोरिंग करने के लिए 120 रिंग मशीनों का निबंधन किया गया है. एक बोरिंग वाहन से साल में लगभग 250 बोरिंग की जाती है. इस प्रकार से 120 बोरिंग वाहनों से साल में लगभग 30 हजार बोरिंग की जाती है.

लगातार नीचे जा रहा भूगर्भ जल का स्तर

शहरीकरण का असर राजधानी रांची पर इस कदर हुआ है कि अब बारिश का पानी धरती के अंदर नहीं पहुंचता है. दिन-प्रतिदिन खुली जगह की कमी होने व बड़ी-बड़ी इमारत बनने के कारण बारिश का पानी सड़क, नाला व नदी होते हुए शहर से बाहर निकल जा रहा है. नतीजा भूगर्भ जल का स्तर दिनोंदिन नीचे जा रहा है.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, टेक & ऑटो, क्रिकेट राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां.

- Advertisment -

अन्य खबरें

- Advertisment -
ऐप पर पढें