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जंगली हाथियों के आक्रामक तेवर को देखकर सहम गये वन कर्मी, हमलावर हाथियों से एक घंटे लड़ कर मारा गया

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जंगली हाथियों के आक्रामक तेवर को देखकर वन कर्मी सहम गये काल भैरव

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Betla National Park Latest News, betla national park news पलामू : पलामू टाइगर रिजर्व के अंतर्गत बेतला नेशनल पार्क में पलामू किला के पास जंगली हाथियों द्वारा पालतू हाथी काल भैरव को हमले में मार दिया जाना पलामू टाइगर रिजर्व के इतिहास में पहली घटना है.अब तक के इतिहास में ऐसा पलामू टाइगर रिजर्व में कहीं देखने को नहीं मिला कि किसी हाथी ने दूसरे हाथी को जान से मार दिया हो. यदा- कदा जंगली हाथियों का टकराव तो होते ही रहा है. कई बार मॉनेटरिंग के दौरान जख्मी हाथियों को देखा गया है.

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जंगली हाथियों द्वारा हमला किसी पालतू हाथी पर किया जायेगा ऐसी किसी ने कल्पना नहीं की थी और शायद यही कारण रहा था कि विभागीय पदाधिकारियों ने भी इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया था. हाथियों की सुरक्षा कैसे हो इस पर काम नहीं किया गया था. पलामू किला के पास जिस जगह पर पालतू हाथियों को रखा गया है वह खुला जंगल ही है.

इस तरह से पलामू किला जंगली हाथियों के हमले में पालतू काल भैरव को मार दिये जाने की घटना का गवाह बन गया. काल भैरव को 2018 में 28 मार्च को कर्नाटका के मैसूर से लाया गया था. इसका उद्देश्य यह था कि सैलानियों को बेतला नेशनल पार्क सहित पलामू किला का भ्रमण इसके द्वारा कराया जा सके. इन हाथियों के साथ महावत को भी लाया गया था.

बाद में स्थानीय महावतों को प्रशिक्षण देने के बाद हाथियों के रखरखाव की जिम्मेदारी दी गयी है. काल भैरव सहित मुर्गेश, सीता, जूही व राखी हाथी को किला के पास बने शेड में रखा जाता था. इस शेड के पास तीन टावर भी बनाये गये हैं. जिस पर महावत रहते हैं.घटना के समय महावत खाना बना रहे थे.

जब उन लोगों ने हाथियों के चिघाड़ने की आवाज सुनी तो किसी अनहोनी की घटना से आशंकित होकर बाहर निकले तो देखा कि काल भैरव पर दो नर हाथी टूट पड़े हैं. उन पर बुरी तरह से हमला कर रहे थे. इसके बाद महावतों ने वन विभाग के अधिकारियों की सूचना दी. जल्द ही रेस्क्यू टीम वहां पहुंची़ लेकिन उन जंगली हाथियों के आक्रामक तेवर को देखकर वन कर्मी सहम गये.

पटाखे फोड़ने व शोरगुल मचाने के बावजूद भी हाथियों का हमला जारी रहा. जवाब में काल भैरव द्वारा भी हमला किया गया. करीब एक घंटे तक इन हाथियों के बीच मुकाबला होता रहा. आखिरकार काल भैरव को दोनों नर हाथियों ने घेर कर मार दिया. उन आक्रामक जंगली हाथियों ने लगातार उसपर दांतों से हमला किया. जिससे हाथी के शरीर पर कई बड़े-बड़े छेद हो गये. पेट में दांत घुसा देने से उसका अांत बाहर निकल आया. इस बीच हाथियों के चिघाड़ से पूरे इलाके में दहशत मच गया था. पास के गांव फुलवरिया के ग्रामीणों ने भी रात में हाथियों के चिघाड़ने की आवाज सुनी थी.

Posted By : Sameer Oraon

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