15.2 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 12:48 am
15.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

आपातकाल में देश के लोकतंत्र की हत्या

Advertisement

1975 के इमरजेंसी के विरोध में भाजपा ने मनाया काला दिवस

Audio Book

ऑडियो सुनें

मेदिनीनगर. 1975 के इमरजेंसी के विरोध में पलामू के भाजपाइयों ने काला दिवस मनाया. इसे लेकर भाजपा जिला कार्यालय में संगोष्ठी हुई. अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अमित तिवारी ने की. संचालन जिला उपाध्यक्ष रीना किशोर ने किया. मुख्य अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष जवाहर पासवान ने कहा कि आपातकाल इस देश में आजादी की दूसरी लड़ाई की तरह थी. सत्ता पर काबिज रहने के लिए आपातकाल लगाया गया. मीडिया पर शिकंजा कसा गया. जिलाध्यक्ष ने कहा कि आपातकाल भारतीय राजनीतिक इतिहास का काला अध्याय था. हाइकोर्ट की ओर से इंदिरा गांधी के खिलाफ दिया गया फैसला इस आपातकाल की सबसे अहम वजह थी. जिसमें इंदिरा गांधी को चुनाव जीतने के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का दोषी पाया गया था. जनता का मूड कांग्रेस सरकार के विपरीत था. ऐसे में सत्ता से बेदखल होने के डर से तत्कालीन प्रधानमंत्री ने आपातकाल लागू किया. प्रो केके मिश्रा ने कहा कि एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी प्रकार के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिये गये थे. संविधान में बदलाव कर न्यायालय तक के हाथ बांध दिये गये थे. श्याम नारायण दुबे ने कहा कि आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की गयी थी. विरोधी दलों के लोगों पर अमानवीय अत्याचार किये गये थे. इस अवधि के दौरान, जो लोग आज भारतीय लोकतंत्र का संरक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा में उठने वाली आवाजों को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आज हम उन महान नायकों के बलिदान को याद करते हैं, जो आपातकाल के दौरान बहादुरी से लोकतंत्र के संरक्षक के रूप में खड़े रहे. धन्यवाद ज्ञापन जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र उपाध्याय ने किया. मौके पर पूर्व सांसद मनोज कुमार, परशुराम ओझा, नरेंद्र पांडेय, विभाकर नारायण पांडेय, अजय तिवारी, उदय शुक्ला, दुर्गा जौहरी, अम्लेश्वर दुबे, अरुणा शंकर, मंगल सिंह, रूपा सिंह, ज्योति पांडेय, जितेंद्र तिवारी, सीटू गुप्ता, विजय ओझा, सुनील पासवान, सोमेश सिंह सहित कई लोग मौजूद थे.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें