40 C
Ranchi
Sunday, April 20, 2025 | 02:29 pm

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

विधायक आलोक चौरसिया की उम्र जांच कराने सुप्रीम कोर्ट जाएंगे केएन त्रिपाठी, हाई कोर्ट के फैसले से हैं असंतुष्ट

Advertisement

विधायक आलोक चौरसिया वर्सेस पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी मामला फिर चर्चे में है. पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि वे हाई कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. आलोक चौरसिया की उम्र जांच कराने अब वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

Audio Book

ऑडियो सुनें

पलामू, सैकत चटर्जी. पलामू का बहुचर्चित विधायक आलोक चौरसिया वर्सेस पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी मामला फिर से चर्चे में आ गया है. पूर्व मंत्री त्रिपाठी के बयान के बाद फिर से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. इससे पहले अगले सप्ताह हाई कोर्ट द्वारा इस मामले में केएन त्रिपाठी की याचिका खारिज कर विधायक आलोक चौरसिया के पक्ष में फैसला सुनाया गया था, जिसके बाद लोगों का मानना था कि यह विवाद अब यहीं रुक जायेगा, लेकिन पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने सोमवार को मीडिया के सामने यह बयान दिया कि वे हाई कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं इस मामले को लेकर अब वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

जानिए क्या है मामला

केस नंबर EP/2/2020 में केएन त्रिपाठी के द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि आलोक चौरसिया ने कम उम्र में चुनाव लड़ा है, जो गलत है. इसके बाद विधायक आलोक चौरसिया के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई. मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद पिछले बुधवार को कोर्ट का फैसला आ गया था, जो वर्तमान विधायक आलोक चौरसिया के पक्ष में आया था.

विधायक की ओर से क्या दलील दी गई थी

पिछली सुनवाई में विधायक आलोक चौरसिया की ओर से वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह ने बहस के दौरान कोर्ट को बताया था कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) एक्ट की धारा 28 के अनुसार जैक कोई कार्रवाई या आदेश पारित करता है तो उसे न्यायालय में चैलेंज नहीं किया जा सकता है. इस आधार पर आलोक चौरसिया की ओर से यह भी कहा गया था कि जब जैक ने उनके जन्मतिथि में संशोधन कर दिया है और वह अब ठीक हो चुका है तो उसे किसी अदालत में चैलेंज नहीं किया जा सकता है, तो फिर इलेक्शन पिटिशन में कैसे इसे चुनौती दी जा सकती है. यह भी बताया गया था कि फॉर्म भरते समय मानवीय भूल के तहत गलती हुई थी, जिसे सुधार लिया गया था. विधायक ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2012 में उन्होंने अपनी जन्म तिथि में सुधार की कार्रवाई शुरू की थी. इसके बाद वर्ष 2014 में उनकी जन्मतिथि में झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने सुधार किया था.

क्या थी केएन त्रिपाठी की दलील

पूर्व की सुनवाई में केएन त्रिपाठी की ओर से बहस में कहा गया था कि झारखंड विधानसभा चुनाव के नामांकन के समय में आलोक चौरसिया की उम्र 25 वर्ष से कम थी. इसलिए वे चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे. इसी बात को लेकर मामला दर्ज किया गया था. पर अब हाई कोर्ट के द्वारा इस केस को खारिज कर दिया गया. पर केएन त्रिपाठी द्वारा इस मामले को अब सुप्रीम कोर्ट ले जाने की बात कही गई है, जिससे मामला फिर से एकबार तूल पकड़ता दिख रहा है.

क्या कहा केएन त्रिपाठी ने

मीडिया से बात करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले से वे संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है और अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में जैक की भूमिका भी संदिग्ध है. विधायक चौरसिया द्वारा स्कूल नामांकन के कागजात, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, आवेदन सब जाली बनवा कर कोर्ट को गुमराह किया गया है. इसका सारा प्रमाण उनके पास है और यह बात पूरा पलामू जानती है. उन्होंने कहा कि वे हार कर बैठ जाने वाले में नहीं हैं और इसका अंत करके ही दम लेंगे.

विधायक ने कहा कि जीत सत्य की होगी

विधायक आलोक चौरसिया ने कहा कि जीत सत्य की ही होगी. उन्होंने कहा की पूर्व मंत्री संभावित चुनाव परिणाम को लेकर अभी से ही डरे हुए हैं, इसलिए कानून पर भी उन्हें भरोसा नहीं हो रहा है, तभी हाई कोर्ट की बात वे मानने को तैयार नहीं है. विधायक ने कहा कि वे गरीब के बेटे हैं, उनके पिता ने भी हमेशा गरीबों की हक की लड़ाई लड़ी है और वो भी लड़ते रहेंगे. यह गरीबों की आवाज दबाना चाहते हैं, जिसमें वे कभी सफल नहीं होंगे. सुप्रीम कोर्ट भी सही फैसला ही करेगी यह यकीन है.

Also Read: BJP नेता विकास सिंह का बड़ा बयान, हां मैंने मंत्री बन्ना का वीडियो किया वायरल, कार्रवाई की अनुशंसा की

[quiz_generator]

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels