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फेसबुक पर टिप्पणी ने दिव्यांग कुरील कुमार को पहुंचाया जेल, बैसाखी छीनने पर गढ़वा जेल अधीक्षक को नोटिस

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झारखंड के जेल में दिव्यांग कैदी से बैसाखी छीन लेने के मामले में जेल आइजी ने कार्रवाई की है. जेल आइजी ने जेल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. मामला गढ़वा मंडल कारा से जुड़ा है. एक दिव्यांग कैदी ने आरोप लगाया था कि जेल में उससे और उसके जैसे अन्य दिव्यांग कैदियों से बैसाखी छीन लिया गया. उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया.

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गढ़वा (पीयूष तिवारी) : झारखंड के जेल में दिव्यांग कैदी से बैसाखी छीन लेने के मामले में जेल आइजी ने कार्रवाई की है. जेल आइजी ने जेल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. मामला गढ़वा मंडल कारा से जुड़ा है. एक दिव्यांग कैदी ने आरोप लगाया था कि जेल में उससे और उसके जैसे अन्य दिव्यांग कैदियों से बैसाखी छीन लिया गया. उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया.

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पलामू जिला के रहने वाले दिव्यांग कुरील कुमार ने फेसबुक पर एक टिप्पणी की थी, जिसकी वजह से उसे सजा हो गयी. गढ़वा जेल में जाने पर उससे बैसाखी लेकर रख लिया गया. कथित तौर पर उससे जेल में दुर्व्यवहार हुआ. जेल से बाहर आने के बाद उसने झारखंड के मुख्यमंत्री को ट्विटर पर अपनी व्यथा सुनायी. मुख्यमंत्री ने एसपी को जांच कर कार्रवाई करने के आदेश दिये, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

बाद में झारखंड विकलांग संघ ने राज्य नि:शक्तता आयोग को इससे अवगत कराया. आयोग ने कारा महानिरीक्षक को पत्र लिखकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. झारखंड विकलांग संघ के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने आरोप लगाया था कि गढ़वा मंडल कारा में बंद दिव्यांग कुरील कुमार उर्फ सुरेंद्र कुशवाहा जो दो बैसाखी के सहारे किसी तरह से चल पाता है़ वह जब गढ़वा जेल में गया था, उस दौरान जेल गेट पर ही उसकी बैसाखी छीन ली गयी थी़

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इस वजह से उसे 14 दिन तक गढ़वा कारा में दैनिक गतिविधियों के संचालन में काफी परेशानी उठानी पड़ी़ साथी कैदियों की मदद (उठाकर बाथरूम आदि तक ले जाने) के बाद ही वह किसी तरह से अपनी दिनचर्या को निबटा पाया था़ घसीटकर चलने की वजह से उसके पैर में काफी तकलीफ बढ़ गयी थी़

उसने कहा कि पैर को कुछ हद तक सीधा करने के लिए उसने कुछ साल पूर्व ऑपरेशन कराया था. लेकिन, इस घटना के बाद वह फिर से तकलीफ में पड़ गया़ कुरील कुमार ने यह भी आरोप लगाया था कि बैसाखी मांगने पर उसके साथ सिपाहियों ने गाली-गलौज की़ इससे उसकी भावनाएं आहत हुई हैं.

क्या है मामला

पलामू जिला के उंटारी रोड करकट्टा गांव निवासी दिव्यांग कुरील कुमार को 11 अप्रैल, 2020 को सोशल मीडिया (फेसबुक) पर एक धर्म विशेष के खिलाफ एक भड़काऊ पोस्ट करने की वजह से गिरफ्तार किया गया था़ गिरफ्तार करने के बाद उसे गढ़वा मंडल कारा में भेज दिया गया था़ यहां वह 14 दिन तक कोरेंटिन वार्ड में भर्ती रहा़ इसके बाद सात दिन तक धनबाद जेल में रखा गया था़

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आरोप के अनुसार, जब 11 अप्रैल को उसे पुलिस ने न्यायालय में प्रस्तुत करने के बाद जेल भेजा, तब जेल गेट पर ही उसकी दोनों बैसाखी जमा कर ली गयी़ इस दौरान उसके गिड़गिड़ाने व स्वयं को बिना बैसाखी के चलने-फिरने में असमर्थ बताने के बाद कहा गया कि सुबह में उसे बैसाखी दे दी जायेगी़ सुबह में बैसाखी मांगने पर उसके साथ सिपाहियों ने दुर्व्यवहार किया. पीटने की धमकी दी. इसके बाद सिपाहियों ने उसे उठा कर उसके वार्ड में पहुंचा दिया़ किसी तरह उसने जेल में 14 दिन बिताये.

14 दिन का समय कैसे गुजारा, कह नहीं सकता : कुरील

कुरील कुमार ने बताया कि उसने किस तरह से 14 दिन बिताये, वह बयां नहीं कर सकता़ उसने बताया कि दिव्यांग होने के बावजूद उस पर किसी ने तरस नहीं खाया. उसे इतना कष्ट हुआ कि दो दिन तक उसने भोजन भी नहीं किया. बाद में साथी कैदियों ने उसकी मदद की और समझा-बुझाकर कर भोजन कराया़ उसने बताया कि जेल मैनुअल में दिव्यांगों के लिए जो नियम है, उसका पालन नहीं किया गया.

जेल अधीक्षक ने दी सफाई : कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ

गढ़वा के जेल अधीक्षक साकेत बिहारी ने बताया कि कुरील कुमार के साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं हुआ है़ जेल में लाने के बाद उसे कोरेंटिन वार्ड में रखा गया था़ वहां वार्ड से बाहर घूमने-फिरने की आजादी नहीं है़ कुरील कुमार बाहर निकलने की जिद कर रहा था़ इसलिए उसकी बैसाखी ले ली गयी थी़ उन्होंने कहा कि वे शोकॉज का जवाब दे रहे हैं.

Posted By : Mithilesh Jha

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