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भागवत कथा में महाभारत युद्ध का किया गया वर्णन

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कथावाचक संजय शास्त्री महाराज (वृंदावन, मथुरा) ने महाभारत कथा विस्तार से सुनाया.

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महेशपुर. प्रखंड मुख्यालय स्थित बूढ़ा बाबा शिव मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी. कथावाचक संजय शास्त्री महाराज (वृंदावन, मथुरा) ने महाभारत कथा विस्तार से सुनाया. उन्होंने महाभारत का वर्णन करते हुए कहा कि द्वापर युग धर्म की रक्षा के लिए महाभारत का युद्ध लड़ा गया था. कुरुक्षेत्र में लड़े जाने के कारण इसे कुरुक्षेत्र का युद्ध भी कहा जाता है. इस युद्ध की सबसे विशेष बात यह थी कि इसमें भगवान श्रीकृष्ण स्वयं अर्जुन के सारथी बने थे. यह युद्ध कुल 18 दिनों तक चला था. कहा कि 18 दिनों तक चलने के पीछे भी एक खास कारण छुपा हुआ है. महाभारत युद्ध में 18 की संख्या का अत्यंत महत्व है. ऐसा इसलिए कि महाभारत ग्रंथ में कुल 18 अध्याय हैं. भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को 18 दिन गीता का ज्ञान दिया था. यहां तक की इस युद्ध के अंत में कुल 18 लोग ही बचे थे. दरअसल, महर्षि वेद व्यास ने गणेश जी की मदद से इस ग्रंथ का निर्माण 18 दिनों में ही किया था. ऐसा माना जाता है कि जब इस ग्रंथ का निर्माण हुआ था तब तक महाभारत युद्ध नहीं हुआ था, बल्कि महर्षि ने अपनी दिव्य दृष्टि से इस युद्ध को पहले ही देखकर रचा था और श्री गणेश ने इसे लिखा था. इस अवसर पर आचार्य पवन पांडेय, राधे बृजवासी, ग्रिराज शास्त्री व प्रदीप भगत, बबिता देवी, दिलीप भगत, अमरनाथ भगत, दिव्या भगत, राजेश अग्रवाल, किशोरी अग्रवाल, हेमंत दत्ता, मुकेश अग्रवाल, काजल साहा आदि भक्त मौजूद रहे.

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