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भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, विधि-विधान के साथ भगवान को कराया स्नान

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हीरानंदनपुर स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा का आयोजन किया गया. दूध, दही, फलों के रस से भगवान जगन्नाथ का अभिषेक किया गया.

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पाकुड़. हीरानंदनपुर स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में शनिवार को भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा का आयोजन किया गया. दूध, दही, फलों के रस से भगवान जगन्नाथ का अभिषेक किया गया. विधि-विधान के साथ पुजारी द्वारा अभिषेक किया गया. मंदिर में पहुंचे सभी श्रद्धालुओं को भी भगवान जगन्नाथ का अभिषेक करने का अवसर प्राप्त हुआ. इस दौरान श्रद्धालुओं में उत्साह देखते ही बन रहा था. श्रद्धालुओं द्वारा हरे राम हरे कृष्ण के कीर्तन से मंदिर परिसर गुंजायमान रहा. मौके पर श्रद्धालुओं ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा व अभिषेक में शामिल होकर विशेष आनंद की अनुभूति प्राप्त होती है. मंदिर के पुजारी सह अध्यक्ष गोपीनाथ गोपाल दास ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार रथ यात्रा के 15 दिन पूर्व जगन्नाथ की स्नान यात्रा का आयोजन किया जाता है. स्नान यात्रा में जगन्नाथ को ज्यादा स्नान कराने की परंपरा है. परंपरा का पालन करते हुए उन्हें स्नान कराया जाता है. इसके बाद वह ज्यादा स्नान करने से बीमार पड़ जाते हैं. इसके बाद भगवान जगन्नाथ 14 दिनों तक अज्ञातवास में रहते हैं. इस दौरान उनका पट बंद रहता है. मंदिर के पुजारी द्वारा आयुर्वेदिक औषधियां से उनका इलाज किया जाता है. उनके जल्दी स्वस्थ होने को लेकर उन्हें सादे भोजन का भोग लगाया जाता है ताकि वह जल्दी स्वस्थ हो जाएं. जब वह स्वस्थ हो जाते हैं तब वह बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ मौसी के घर की ओर रवाना होते हैं. इस दिन से रथ यात्रा का प्रारंभ होता है. बताया कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा उत्सव इस वर्ष 7 जुलाई को पूरे शहर में भ्रमण कराया जाएगा. इसके ठीक आठ दिन बाद जब वह मौसी के घर से अपने घर लौटेंगे, तो उल्टा रथ उत्सव मनाया जाएगा.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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