12.7 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 07:32 am
12.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

World Disability Day 2020 : लातेहार के इन दिव्यांग जनों ने कैसे बनायी अपनी अलग पहचान, पढ़ें रिपोर्ट

Advertisement

World Disability Day 2020 : 3 दिसंबर को पूरे विश्व में दिव्यांगता दिवस मनाया जाता है. यह तो स्पष्ट है कि समाज में दिव्यांगता को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां हैं. आज भी दिव्यांग समाज में अपने-आपको सहज महसूस नहीं कर पाते हैं. आज जरूरत है दिव्यांगों के प्रति दया एवं सहानुभूति की बजाय उनमें सहज मानवीय दृष्टि एवं रचनात्मक व्यवहार विकसित करने की. कहना गलत नहीं होगा कि दिव्यांगों को भी अगर समुचित प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन मिले, तो वे खुद अपनी मंजिल तय सकते हैं. लातेहार जिले में कई ऐसे दिव्यांग हैं जिन्होंने कभी दिव्यांगता को अभिशाप नहीं समझा और आज समाज में अपनी एक अलग मुकाम बनायी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

World Disability Day 2020 : लातेहार (आशीष टैगोर) : 3 दिसंबर को पूरे विश्व में दिव्यांगता दिवस मनाया जाता है. यह तो स्पष्ट है कि समाज में दिव्यांगता को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां हैं. आज भी दिव्यांग समाज में अपने-आपको सहज महसूस नहीं कर पाते हैं. आज जरूरत है दिव्यांगों के प्रति दया एवं सहानुभूति की बजाय उनमें सहज मानवीय दृष्टि एवं रचनात्मक व्यवहार विकसित करने की. कहना गलत नहीं होगा कि दिव्यांगों को भी अगर समुचित प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन मिले, तो वे खुद अपनी मंजिल तय सकते हैं. लातेहार जिले में कई ऐसे दिव्यांग हैं जिन्होंने कभी दिव्यांगता को अभिशाप नहीं समझा और आज समाज में अपनी एक अलग मुकाम बनायी है.

- Advertisement -

परिक्ष्यमान टेक्स ऑफिसर हैं गौतम पाठक

शहर के राजकीयकृत उच्च विद्यालय के सेवानिवृत प्रधानाध्यापक केदारनाथ पाठक के द्वितीय सुपुत्र गौतम पाठक ने कभी अपने आपको दिव्यांग नहीं समझा. दृष्टिबाधित गौतम का चयन गत अप्रैल माह में छठी जेपीएससी की परीक्षा में वित्त सेवा के लिए हुआ. आज श्री पाठक परिक्ष्यमान राज्य कर पदाधिकारी के रूप में लातेहार कोषागार में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. श्री पाठक ने कभी भी अपने दिव्यांगता को आड़े आने नहीं दिया. श्री पाठक ने कहा कि उन्होंने अपने इसी दिव्यांगता को अपना हथियार बनाया और सफलता प्राप्त किया. उन्होंने कहा कि सफलता के लिए परिश्रम की आवश्यकता होती है और उन्होंने कभी परिश्रम से जी नहीं चुराया. शुरू में लोग उपहास करते थे, लेकिन जब सफलता हासिल की तो लोगों का भ्रम टूट गया. माता- पिता के अलावा उनके भाई गोविंद पाठक ने उन्हें हर मुकाम पर मदद की.

Also Read: World Disability Day 2020 : बड़कागांव प्रखंड में 1670 हैं दिव्यांग, पेंशन मिलने में होती है परेशानी
लोक गायन में वृजनंदन पंडित ने छोड़ी अपनी छाप

शहर के धर्मपुर मुहल्ला निवासी देवनारायण पंडित के दृष्टिबाधित पुत्र वृजनंदन पंडित आज क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम हैं. लोक गायन में श्री पंडित का जिले में कोई सानी नहीं है. भोजपुरी गीत एवं भजन गायन के लिए न सिर्फ ग्रामीण वरन शहरी क्षेत्रों में आयोजित कार्यक्रमों में श्री पंडित को आमंत्रित किया जाता है. श्री पंडित बताते हैं कि दिव्यांगता अभिशाप नहीं है. अगर आपके मन में कुछ करने की ललक हो, तो आप भी अपनी मंजिल पा सकते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था. परिवार वालों ने उसके इस शौक को पूरा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि दिव्यांग कुंठित होने के बजाय अपने अंदर की प्रतिभा को पहचान कर लोगों के सामने ला सकते हैं.

जिले की उभरती गायिका हैं निशि रानी

जन्म से ही दृष्टिबाधित निशि रानी आज गायन के क्षेत्र में जिले में उभरता हुआ नाम है. 16 वर्षीय निशि रानी तकरीबन चार वर्ष पहले जब यहां आयोजित एक कार्यक्रम में ‘ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी’ गीत गाया तो लोगों ने उसकी मुक्त कंठ से प्रशंसा की. तत्कालीन डीसी राजीव कुमार निशि रानी से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने उसे विशेष पुरस्कार दिया. इन 4 वर्षों में निशि रानी ने कई कार्यक्रमों में शिरकत की. सांस्कृतिक कार्य निदेशाल के द्वारा आयोजित सुबह- सबेरे और शनिपरब कार्यक्रम में भी निशि ने कार्यक्रम प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी. निशि ने बताया कि वह गानों को सुन कर याद कर लेती है और उसे ऑडिओ ट्रेक पर गाने की रियाज करती है. वह वर्तमान में शहर के धर्मपुर मुहल्ले में संगीत शिक्षिका स्वाती कुमारी के पास संगीत की शिक्षा ले रही है. हालांकि, निशि रानी की पढ़ाई 8वीं कक्षा के बाद रूक गयी. उसके पिता जीतेंद्र प्रसाद ने बताया कि उन्होंने ब्रेल लिपि के विद्यालय या संस्था में उसका नामांकन कराने का प्रयास किया, लेकिन नहीं हो पाया.

Posted By : Samir Ranjan.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें