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खस्ताहाल हैं आरपीएफ जवानों के बैरक

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कोडरमा जंक्शन जो जल्द ही हाइटेक सुविधाओं और एयरपोर्ट जैसे अत्याधुनिक भवन के रूप में पहचाना जायेगा, और नया भवन लगभग तैयार है़ उम्मीद है कि वर्ष 2025 में इसे पूरी तरह कार्यरत कर दिया जायेगा़

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कोडरमा. कोडरमा जंक्शन जो जल्द ही हाइटेक सुविधाओं और एयरपोर्ट जैसे अत्याधुनिक भवन के रूप में पहचाना जायेगा, और नया भवन लगभग तैयार है़ उम्मीद है कि वर्ष 2025 में इसे पूरी तरह कार्यरत कर दिया जायेगा़ लेकिन इस भव्य निर्माण के बीच रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवानों की स्थिति पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है़ धनबाद रेल मंडल के अंतर्गत कोडरमा स्टेशन पर स्थित आरपीएफ पोस्ट अभी भी अंग्रेजों के जमाने की व्यवस्था पर निर्भर है़ आरपीएफ पोस्ट प्लेटफार्म संख्या-चार पर एक कमरे के जर्जर भवन में रहना पड़ता है़ हाल ही में प्लेटफॉर्म नंबर-तीन पर एक कमरा आवंटित किया गया है, लेकिन वहां शौचालय तक की सुविधा नहीं है. पुराने रेलवे टिकट काउंटर को ही बैरक में तब्दील कर दिया गया है, जिसकी छत टपकती है और बारिश के दौरान पानी भर जाता है. जवानों को खुद टुल्लू पंप लगाकर पानी निकालना पड़ता है.

56 जवानों के लिए बुनियादी सुविधाएं नहीं

कोडरमा आरपीएफ पोस्ट पर कुल 56 जवान तैनात हैं, इनमें से 30 जवान रोटेशन पर विभिन्न स्टेशनों पर ड्यूटी करते हैं. जवान कोडरमा से न्यू गिरिडीह और लाराबाद (झारखंड) से मानपुर आउटर (बिहार ) तक के क्षेत्र में सुरक्षा का जिम्मा संभालते हैं. इसके अलावा वंदे भारत एक्सप्रेस (रांची-पटना, टाटा-पटना और रांची-वाराणसी) में भी जवानों की ड्यूटी लगायी जाती है. बैरक के आसपास गंदगी का अंबार लगा रहता है. जवानों को सफाई का काम खुद करनी पड़ती है. बारिश के दौरान बैरक में पानी भरने से स्थिति और खराब हो जाती है. न तो बैठने के लिए आरामदायक जगह है और न ही पर्याप्त सुविधाएं.

महिला जवानों के लिए और भी मुश्किलें

स्टेशन पर तैनात महिला जवानों को और भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. प्लेटफॉर्म नंबर-चार पर स्थित पोस्ट पर शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्हें प्लेटफॉर्म नंबर-एक पर जाकर शौचालय का उपयोग करना पड़ता है. महिला और पुरुष कैदियों के लिए अलग-अलग हाजत की भी सुविधा नहीं है, जिससे कई बार असुविधा होती है. आरपीएफ जवान दिन-रात यात्रियों की सुरक्षा में तैनात रहते हैं. वे अपने घर-परिवार से दूर यात्रियों को ही अपना परिवार मानते हैं, लेकिन इनकी सुरक्षा और मूलभूत सुविधाओं का ख्याल रखना भी जरूरी है. जर्जर दीवारों और छत के डर के बीच जवान खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं.

नया भवन तैयार, अब जवानों को राहत दी जाये

हाइटेक स्टेशन के साथ अगर आरपीएफ जवानों को बेहतर बैरक और सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये, तो न केवल उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा, बल्कि यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी सकारात्मक कदम होगा. जवानों को मूलभूत सुविधाएं देकर उनके लिए सम्मानजनक माहौल तैयार करना समय की मांग है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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