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बिंदापाथर क्षेत्र में मां लक्खी की पूजा को लेकर भक्ति व उत्साह का माहौल

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घर-घर में धन देवी की पूजा आराधना के कारण संपूर्ण क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बना हुआ है. मूलतः इस पर्व में मां लक्खी की पूजा की जाती है.

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बिंदापाथर. बिंदापाथर, मंझलाडीह, हरिराखा, डुमरिया, सिमलडुबी, खमारबाद, खैरा, सालुका, गेड़िया, श्रीपुर, बांदो, फुटबेड़िया, माड़ालो सहित संपूर्ण क्षेत्र में भक्ति एवं उत्साह के माहौल में कोजागरी लक्खी पूजा मनायी गयी. घर-घर में धन देवी की पूजा आराधना के कारण संपूर्ण क्षेत्र में भक्तिमय वातावरण बना हुआ है. मूलतः इस पर्व में मां लक्खी की पूजा की जाती है, लेकिन बांग्ला भाषी बहुल क्षेत्र में लक्खी पूजा के नाम से प्रसिद्ध हुआ है. इस अवसर पर बिंदापाथर थाना क्षेत्र के खामारबाद एवं सिमलडुबी गांव स्थित लक्खी मंदिर में इस वर्ष भी पांच दिवसीय वार्षिक लक्खी पूजा का आयोजन किया गया है. लक्खी पूजा को लेकर क्षेत्र के महिला-पुरुष, युवा एवं बच्चे काफी उत्साहित हैं. महिलाओं ने दिनभर उपवास रखकर पूजा अर्चना की तथा सुख, समृद्धि, धन व वंश की कामना की. इधर, मां के दरबार में छोटे बड़े सभी ने पूजा के उपरांत मन्नत मांगी. गांव में पांच दिवसीय धार्मिक पर्व को लेकर भक्ति एवं उत्साह का माहौल देखा गया.

शरद पूर्णिमा पर धूमधाम से हुई मां लक्खी की पूजा :

फतेहपुर.

सुख, संपदा व समृद्धि की आराध्या देवी माता लक्खी की पूजा बुधवार को फतेहपुर सहित आसपास के इलाके में श्रद्धापूर्वक आयोजित की गयी. शरद पूर्णिमा के अवसर पर विशेषकर बंगाली समाज द्वारा व्रत रखते हुए मां लक्खी की पूजा अर्चना घर-घर में करने की परंपरा है. यह कोजागरी लक्खी पूजा के नाम से भी प्रचलित है. इस अवसर पर क्षेत्र के कई स्थानों में मेले का भी आयोजन किया जाता है. कोजागरी लक्खी पूजा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने अपने-अपने आवास की साफ-सफाई कर एवं अल्पना (रंगोली) रच, उपवास रखते हुए धन धन्य एवं सुख समृद्धि की देवी मां लक्खी की पूजा की. पूजा में मां लक्खी के समक्ष नैवेद्य, मिष्टान्न, खीर आदि का प्रसाद चढ़ाकर परिवार की समृद्धि एवं सौभाग्य तथा उन्नति की मंगल कामनाएं की गयी.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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