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600 वर्षों से हो रही है पिंडारी मंदिर में मां दुर्गा की पूजा-आराधना

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पिंडारी राजगढ़ में नवीन सिंह ने किया था सबसे पहले पूजा

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विद्यासागर. करमाटांड़ प्रखंड क्षेत्र में 10 स्थान पर मां दुर्गा पूजा होती आ रही है. सबसे पुरानी राजागढ़ पिंडारी मां दुर्गा मंदिर है. यहां करीब 600 साल पहले मुगल राज में दुर्गा पूजा शुरू हुई थी. उसी समय से राजगढ़ पिंडारी में पूजा होती आ रही है. बताया जाता है कि सबसे पहले मां दुर्गा की पूजा कपड़े के मकान में जाती थी, उसके बाद धीरे-धीरे मंदिर का निर्माण हुआ. राजगढ़ परिवार पुराने गणमान्य व्यक्ति ने बताया कि राजगढ़ में सबसे पहले पूजा नवीन सिंह, उनके पूर्वज कर्मन सिंह, भुवनेश्वर प्रसाद सिंह, रामकुमार सिंह, सिद्धार्थ प्रसाद सिंह, गिरधारी प्रसाद सिंह, करनी प्रसाद सिंह, कृति प्रसाद सिंह, छत्रधारी प्रसाद सिंह, दुर्गा प्रसाद सिंह, जगन्नाथ प्रसाद सिंह, भानु प्रताप सिंह ने पूजा की. वर्तमान में तुषार कुमार सिंह और आशुतोष सिंह की ओर से पूजा की जा रही है. यहां मां दुर्गा की पूजा सदियों से कलश स्थापना के दिन एक बकरे की बलि, सप्तमी को एक बकरा, अष्टमी में संध्या पूजा में एक बकरे बलि और नवमीं को राजगढ़ से दो बकरा बलि दी जाती रही है. इसके उपरांत ग्रामीण अपने-अपने मनोकामना के अनुसार बकरे की बलि चढ़ाते है. सदियों से यहां ब्राह्मण अहिल्यापुर से आते थे. पूजा पाठ वर्तमान में लगभग 20 वर्षों से ब्राह्मण जयप्रकाश झा, बालगढ़ तप आचार्य ठाकुर पड़वा और राकेश मिश्रा गोरा गांव से चंडी पाठ करते आ रहे हैं.

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