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Jamtara News: ठंड में कंपकंपा रहे बच्चे, अबतक नहीं मिले स्वेटर

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नारायणपुर शैक्षणिक अंचल में ठंड ने दस्तक दे दी है, लेकिन हजारों बच्चे अभी भी बिना स्वेटर के ठंड सहने को मजबूर हैं.

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निकेश कुमार, नारायणपुर

नारायणपुर शैक्षणिक अंचल में ठंड ने दस्तक दे दी है, लेकिन हजारों बच्चे अभी भी बिना स्वेटर के ठंड सहने को मजबूर हैं. प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के 219 स्कूलों तथा 235 आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों को नवंबर के आखिरी हफ्ते तक भी स्वेटर नहीं मिल पाए. आंकड़ों की बात करें तो प्रखंड के कक्षा 1 से 5 तक के 23,872 और कक्षा 6 से 8 तक के 11,677 विद्यार्थियों सहित कुल 35,549 बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं. वहीं, आंगनबाड़ी केंद्रों में 9,952 छोटे बच्चे नामांकित हैं. हालांकि, कुछ स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों ने स्वेटर वितरण शुरू किया है, लेकिन अधिकांश बच्चों तक यह सुविधा नहीं पहुंची है. इस देरी के पीछे शिक्षकों और आंगनबाड़ी सेविकाओं ने आचार संहिता का हवाला दिया है. उनका कहना है कि चुनाव प्रक्रिया के कारण स्वेटर वितरण बाधित हुआ, लेकिन अब इसे जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया गया है.

बच्चों की सेहत पर खतरा :

ठंड में बिना स्वेटर स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र आने वाले बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. अभिभावकों ने इसे गंभीरता से लेते हुए मांग की है कि जल्द से जल्द स्वेटर वितरित किए जाएं. उनका कहना है कि प्रशासनिक उदासीनता से बच्चों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है.

वितरण में देरी के पीछे लापरवाही:

जानकारों के अनुसार, चुनाव से पहले ही स्वेटर वितरण के लिए धनराशि वेंडरों के खातों में स्थानांतरित कर दी गई थी. लेकिन इसके बावजूद स्वेटर उपलब्ध नहीं कराना शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है. जिन बच्चों के बैंक खाते नहीं हैं, उन्हें एसएमसी अध्यक्ष या वेंडर के माध्यम से स्वेटर वितरित किए जाने चाहिए थे.

अभिभावकों में बढ़ रही नाराजगी: इस देरी से नाराज लोगों का मानना है कि नारायणपुर के अधिकारियों को केवल बहाने बनाने और समय टालने में रुचि है. सरकारी अधिकारियों की यह लापरवाही बच्चों के भविष्य और उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ है. ठंड के इस मौसम में स्वेटर वितरण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि बच्चे सुरक्षित और आरामदायक माहौल में शिक्षा प्राप्त कर सकें.

बीइइओ का नहीं मिल सका पक्ष: स्वेटर वितरित नहीं होने के मामले में जब पक्ष लेने के लिए बीइइओ से संपर्क किया गया तो उन्होंने कॉल नहीं उठाया.

क्या कहतीं हैं आंगनबाड़ी महिला पर्यवेक्षिकाकेंद्रों को लगातार स्वेटर उपलब्ध कराया जा रहे हैं. कई केंद्रों में स्वेटर पहुंच चुके हैं. शीघ्र ही सभी केंद्र के बच्चों को स्वेटर उपलब्ध हो जायेंगे नियोती दास, महिला पर्यवेक्षिका, नारायणपुर.

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नारायणपुर के स्कूलों में स्वेटर वितरण में देरी बढ़ा रही मुसीबत

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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