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अल्पसंख्यक बालिका आवासीय विद्यालय का हॉस्टल भवन जर्जर

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जिले में एकमात्र अल्पसंख्यक बालिका आवासीय विद्यालय की हॉस्टल बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है.

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जामताड़ा. जिले में एकमात्र अल्पसंख्यक बालिका आवासीय विद्यालय की हॉस्टल बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. इसके कारण 286 नामांकित बालिकाओं को हॉस्टल के बिल्डिंग में रहने में परेशानी हो रही है. छात्रावास के दीवारों से प्लास्टर उखड़ रहा है. मरम्मत का कार्य अब तक नहीं किया गया है. बार-बार आवेदन देने के बावजूद विभाग और जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई सुनवाई नहीं हो रही है. यह विद्यालय नारायणपुर प्रखंड के अलफुरकान एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी रजिस्टर्ड और चंपापुर में पिछले 15 वर्षों से संचालित है. इस विद्यालय में बालिकाओं को अच्छे तालीम देने के साथ-साथ स्किल भी सिखाए जाते हैं. हालांकि भवन जर्जर होने के कारण बालिकाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय के प्राचार्य सह मौलाना महबूब आलम फैजी ने बताया कि विभाग को कई बार आवेदन देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया गया, लेकिन किसी ने भी मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया. इसके अलावा छात्रावास में जगह की कमी है, जिससे 200 से अधिक बालिकाओं को रहने में दिक्कतें हो रही है. विद्यालय में नये 200 शैय्या वाला छात्रावास, क्लासरूम, लाइब्रेरी सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं की आवश्यकता है. अलफुरकान एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी रजिस्टर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अबुल कासिम अंसारी ने कहा कि विद्यालय में बालिकाओं को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा दी जाती है, लेकिन खस्ताहाल भवन में उन्हें रखना मजबूरी बन गयी है. विभाग और जनप्रतिनिधियों से बार-बार आग्रह किया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. छात्रावास में सीसीटीवी कैमरे से निगरानी, बेहतरीन भोजन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, जर्जर भवन के कारण बालिकाओं की सुरक्षा और शिक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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