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सिम कार्ड खरीद बिक्री नियमों में बड़ा बदलाव, फ्रॉड को देखते हुआ लिया गया कठोर फैसला

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अगर सिम कार्ड विक्रेता नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, तो उनकी आइडी को बंद कर दिया जाएगा. उन्हें 24 घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा.

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भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सिम कार्ड के लगातार हो रहे दुरुपयोग व फ्रॉड को देखते हुए इसके खरीद-बिक्री के नियमों में बदलाव कर दिया है. नया नियम 10 अक्टूबर से लागू होगा. इसके अनुसार अब सिम कार्ड कोई भी गली-नुक्कड़ पर नहीं बेच सकेगा. इसके लिए लाइसेंस लेना होगा. इसकी प्रकिया भी कड़ी होगी.

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इसमें आधार और पासपोर्ट की तरह प्रक्रिया से गुजरना होगा. इसमें पुलिस वेरिफिकेशन भी शामिल है. इसके अलावा फ्रेंचाइजी, एजेंट और डिस्ट्रीब्यूटर को भी पुलिस वेरिफिकेशन करना होगा. ट्राई ने 30 सितंबर के बाद बिना रजिस्ट्रेशन सिम बेचने पर 10 लाख तक के जुर्माना का प्रावधान किया है.

जारी होगी यूनिक आइडी

ट्राई की तरफ से एक यूनिक पीओएस आइडी जारी किया जायेगा. यही वैध पीओएस आइडी वाले विक्रेता कस्टमर का इनरोलमेंट कर पाएंगे. अगर सिम कार्ड विक्रेता नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, तो उनकी आइडी को बंद कर दिया जाएगा. उन्हें 24 घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा.

देने होंगे ये दस्तावेज

टेलीकॉम ऑपरेट प्वाइंट ऑफ सेल के रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन की जांच करनी होगी. वेरिफिकेशन के लिए सिम विक्रेता को काॅरपोरेट आइडेंटिटी नंबर और बिजनेस लाइसेंस के साथ आधार और पासपोर्ट की डिटेल देनी होगी. वर्किंग व लोकल पता की जानकारी भी देनी होगी. सिम विक्रेता को आधार बेस्ड इ-केवाइसी जैसी बॉयोमेट्रिक डिटेल भी देनी होगी. इसके बाद टेलीकॉम ऑपरेटर और पीओएस एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. इसमें कस्टमर इनरोलमेंट, एरिया ऑफ ऑपेरशन्स और नियमों के उल्लंघन पर क्या एक्शन लिया जाएगा, उसकी जानकारी दर्ज होगी.

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