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Jamshedpur News : भगवान शिव ही दे सकते हैं परम आनंद

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Jamshedpur News : वसुंधरा एस्टेट मानगो में श्री शिवकथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन मंगलवार को मार्कंडेय और ओंकारेश्वर विश्वनाथ महाकाल प्रसंग की कथा हुई. कथावाचक बृजनंदन शास्त्री ने कहा कि महामृत्युंजय मंत्र की रचना करने वाले मार्कंडेय की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अमर होने का वरदान दिया.

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वसुंधरा एस्टेट में श्री शिवकथा ज्ञान यज्ञ कथा

Jamshedpur News : वसुंधरा

एस्टेट मानगो में श्री शिवकथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन मंगलवार को मार्कंडेय और ओंकारेश्वर विश्वनाथ महाकाल प्रसंग की कथा हुई. कथावाचक बृजनंदन शास्त्री ने कहा कि महामृत्युंजय मंत्र की रचना करने वाले मार्कंडेय की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अमर होने का वरदान दिया. यह सुनिश्चित किया कि वे कभी बूढ़े नहीं होंगे, सदाचारी रहेंगे और दुनिया के अंत तक प्रसिद्ध रहेंगे. कथावाचक ने कहा कि शिवजी ने मार्कंडेय से कहा कि अब से जो भी भक्त महामृत्युंजय मंत्र का जप करेगा, उसके सभी कष्ट दूर होंगे और वह असमय मृत्यु के भय से भी बच जाएगा.

उन्होंने कहा कि महामृत्युंजय मंत्र का सरल अर्थ है कि हम त्रिनेत्र भगवान शिव का स्मरण करते हैं. हम जीवन और मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर अमृत की ओर अग्रसर हों. कथावाचक ने कहा कि भगवान के भक्त अंबरीश और मुचुकुंद के पिता सूर्यवंशी राजा मांधाता ने कठोर तपस्या करके भगवान शंकर को प्रसन्न किया. जिस पर्वत पर उन्होंने तपस्या की उसका नाम मांधाता पर्वत हो गया. उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर लिंग किसी मनुष्य द्वारा गढ़ा, तराशा या बनाया हुआ नहीं है, बल्कि प्राकृतिक शिवलिंग है.

उन्होंने कहा कि सभी को निस्वार्थ भाव से जल, तन और धन का दान करना चाहिए. भगवान शिव की पूजा करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है. उन्होंने कहा कि परमानंद उसे कहते हैं, जिसके बाद किसी भी आनंद की अनुभूति व्यक्ति को नहीं रहे. आनंद सभी दे सकते हैं, लेकिन परमानंद भगवान शिव ही दे सकते हैं. मोक्ष भी कोई और देवता नहीं, शिव ही दे सकते हैं. कथा में यजमान किरण-उमाशंकर शर्मा शामिल हुए. एक जनवरी को तारकासुर वध, कार्तिकेय चरित्र कथा के साथ हवन और भंडारे के साथ कथा विश्राम लेगी.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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