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Jamshedpur News : अस्पताल में कई काम अधूरा, वार्डों में बेड तक नहीं, कैसे शिफ्ट होगा अस्पताल

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Jamshedpur News : स्वास्थ्य विभाग के द्वारा साकची स्थित मेडिकल अस्पताल को मेडिकल कॉलेज परिसर में बन रहे नये अस्पताल में शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है. विभाग ने 20 से 31 जनवरी के बीच इसको शिफ्ट करने को कहा है.

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अस्पताल को शिफ्ट करने में कई समस्याएं, विभागाध्यक्षों ने की चर्चा

स्वास्थ्य विभाग को लिखेंगे पत्र, बताएंगे समस्याएं

एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, प्रदूषण का परमिशन तक नहीं मिला

Jamshedpur News :

स्वास्थ्य विभाग के द्वारा साकची स्थित मेडिकल अस्पताल को मेडिकल कॉलेज परिसर में बन रहे नये अस्पताल में शिफ्ट करने का आदेश दिया गया है. विभाग ने 20 से 31 जनवरी के बीच इसको शिफ्ट करने को कहा है. इसको लेकर अस्पताल के विभागाध्यक्षों द्वारा अधीक्षक व प्राचार्य के साथ लगातार बैठक की जा रही है. शुक्रवार को भी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के ऑफिस में सभी विभागाध्यक्षों की एक बैठक हुई. बैठक के पहले सभी विभागाध्यक्षों ने अस्पताल में निर्धारित अपने विभाग के स्थान को देखा. उसके बाद सभी ने प्राचार्य डॉ डी हांसदा व अधीक्षक शिखा रानी के समक्ष कई समस्याएं रखी. बताया कि अस्पताल का काम अभी अधूरा है. वहां काम के दौरान धूल कण उड़ रहे हैं. जिससे मरीजों को परेशानी हो सकती है. अस्पताल में लिफ्ट भी शुरू नहीं हुआ है, मरीजों को लेकर जाने-आने में परेशानी होगी. एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, प्रदूषण का परमिशन तक नहीं मिला है. सबसे बड़ी समस्या पानी की है. बोरिंग से इसे दूर किया जा सकता है. बैठक में विभागाध्यक्षों के द्वारा बताये गये समस्याओं से संबंधित एक पत्र विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया.

बिना बेड के मरीजों को लाकर कहां रखेंगे

विभागाध्यक्षों ने बताया कि साकची अस्पताल से मरीजों को लाकर कहां रखा जायेगा. बेड कहां से आयेंगे. अगर पुराना बेड ही यहां लाना है तो जिस बेड पर मरीज है उसको कहां रखा जायेगा. आइसीयू तैयार नहीं है. इमरजेंसी मरीजों के लिए बेड कहां से आयेगा. अस्पताल के पास अतिरिक्त बेड नहीं है. इसके साथ ही अस्पताल में कई मशीनें है, जिसे यहां इंस्टॉल करना होगा. उसमें कई मशीनें ऐसी है, जिसको शिफ्ट करने से पहले संबंधित विभाग से अनुमति लेनी जरूरी है. अस्पताल के पास उतने डॉक्टर व कर्मचारियों नहीं हैं कि दोनों जगहों पर मरीजों को रखा जाये. इसके साथ ही पार्किंग, रोड का काम भी अभी अधूरा है. अस्पताल में ओटी तैयार नहीं है, ऑपरेशन करने में परेशानी होगी.

बोरिंग के पानी से नहीं चलाया जा सकता है पैथोलॉजी व डायलिसिस मशीन

अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार अस्पताल में पैथोलॉजी मशीन व डायलिसिस मशीन को सीधे बोरिंग के पानी से नहीं चलाया जा सकता है. इसके लिए फिल्टर पानी की आवश्यकता होती है. उन लोगों ने बताया कि अस्पताल में कई ऐसी मशीन है जिसको चलाने के लिए फिल्टर पानी की जरूरत होती है. इसको भी ध्यान में रखना होगा.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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