24.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 06:15 pm
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

अलग झारखंड राज्य के आंदोलन को सींचने वाला ऐतिहासिक आदिवासी भवन पड़ा हुआ है वीरान व सुनसान

Advertisement

Jamshedpur news,यह वीरान सा दिख रहा भवन आदिवासी भवन नाम काफी से चर्चित है. यह भवन पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर प्रखंड क्षेत्र के करनडीह में अवस्थित है. एक समय था राजधानी रांची के बाद करनडीह और आदिवासी भवन नाम काफी सुर्खियों मेें था. अलग झारखंड राज्य बनने के बाद इस भवन में लोगों को […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jamshedpur news,यह वीरान सा दिख रहा भवन आदिवासी भवन नाम काफी से चर्चित है. यह भवन पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर प्रखंड क्षेत्र के करनडीह में अवस्थित है. एक समय था राजधानी रांची के बाद करनडीह और आदिवासी भवन नाम काफी सुर्खियों मेें था. अलग झारखंड राज्य बनने के बाद इस भवन में लोगों को आना-जाना कम हुआ और लोग इससे धीरे-धीरे भूलते चले गये. राज्य गठन से पूर्व 1950 के दशक में यह भवन अलग झारखंड राज्य के आंदोलन का केंद्र हुआ करता था.इसी भवन में बैठकर आंदोलन की रणनीति को तैयार किया जाता था. उसके बाद पूरे राज्य में आंदोलन की बिगुल को फूंका जाता था. इसी वजह से करनडीह को झारखंड की राजनीति का गढ़ भी कहा जाता था. वर्तमान समय में झारखंड आंदोलन को सींचने वाला ऐतिहासिक आदिवासी भवन वीरान पड़ा हुआ है. अब इस भवन में जमशेदपुर व आसपास के राजनीति से जुड़े लोग भी आना-जाना नहीं करते हैं.
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा का यहां हमेशा होता था आना जाना
झारखंड आंदोलन के प्रणेता रहे जयपाल सिंह मुंडा, एनई होरो समेत अन्य कई राजनीतिक लोगों का इस भवन में हमेशा आना जाना होता था. इसी आदिवासी भवन में राजनीतिक मुद्दों पर मंथन होता था. इस भवन में झारखंड कॉ-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक भी हो चुका है. वहीं ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन का सिंहभूम जिला कमेटी का पहला बैठक भी यहीं हुआ था. जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन आजसू के जिला अध्यक्ष नरेश मुर्मू ने किया था. एनई होरो की झारखंड पार्टी की बैठक भी अक्सर इसी भवन में ही आयोजित किये जाते थे. झारखंड बुद्धिजीवी मंच,झारखंड मजदूर संघ समेत अन्य कई कमेटी भी इसी भवन सें संचालित किये जाते थे.इस आदिवासी भवन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां आदिवासी-मूलवासी समाज राजनीति करने वाले सभी छोटे-बड़े नेता यहां आ चुके हैं.
सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों का भी रहा केंद्र
राजनीति के साथ-साथ करनडीह का ऐतिहासिक आदिवासी भवन सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र रहा है. इसी आदिवासी भवन से ड्रामाटिक क्लब का संचालन होता था. सैकड़ों जनजातीय नाटकों को इसी भवन में तैयार किया गया है. वहीं आदिवासी पारंपरिक नृत्य व गीत से जुड़ी गतिविधियों का संचालन भी यहीं से होता था. इतना ही नहीं यह भवन खेलकूद करने वाले खिलाड़ियों का भी केंद्र था. यहां उनका एक कार्यालय हुआ करता था.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें