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Jamshedpur News : सेरेंगसिया घाटी युद्ध के नायक पोटो हो के नाम पर हुआ गदड़ा चौक का नामकरण, ऐसे छुड़ाये थे अंग्रेजों के छक्के

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Jamshedpur News : परसुडीह क्षेत्र के गदड़ा चौक का नामकरण कोल्हान के वीर शहीद पोटो हो के नाम पर किया गया. गदड़ा ग्राम के हातु मुंडा सुकलाल हेंब्रम की देखरेख में चौक का नामकरण किया गया.

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गुरुवार को हातु मुंडा व दिउरी चैतन पूर्ति की देखरेख में हुआ कार्यक्रम

Jamshedpur News :

परसुडीह क्षेत्र के गदड़ा चौक का नामकरण कोल्हान के वीर शहीद पोटो हो के नाम पर किया गया. गदड़ा ग्राम के हातु मुंडा सुकलाल हेंब्रम की देखरेख में चौक का नामकरण किया गया. पारंपरिक दिउरी (पुजारी) चैतन पूर्ति ने हो समाज पारंपरिक रीति-रिवाज से ग्राम के देसाउली, नगे एरा एवं बिंदी ऐरा की पूजा-अर्चना कर शिलान्यास किया. इस दौरान हातु मुंडा सुकलाल हेंब्रम ने बताया कि पोटो हो भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे. जिन्होंने 1837 में हो आदिवासियों के साथ ब्रिटिश इस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध विद्रोह किया था. वे ब्रिटिश शासन के खिलाफ वर्तमान झारखंड के सेरेंगसिया घाटी युद्ध के नायक थे.

उन्होंने बताया कि राजाबासा में जन्मे पोटो हो के नेतृत्व में 8 नवंबर 1837 में अंग्रेजी फौज को अपने साथियों के सहयोग से हराया. 8 दिसंबर 1837 को पोटो हो, देवी हो, बोड़ो हो, बुड़ई हो, नारा हो, पंडुवा हो, भुगनी हो समेत अन्य को पकड़ लिया गया. उसके बाद 1 जनवरी 1838 को पोटो हो, बुड़ई हो तथा नारा हो को जगन्नाथपुर में बरगद पेड़ पर फांसी दे दी गयी थी. जबकि अगले दिन यानी 2 जनवरी 1838 को बोड़ो हो तथा पंडुवा हो को सेरेंगसिया घाटी में फांसी दी गयी थी. वहीं 79 हो वीर लड़ाकों को विभिन्न आरोपों में जेल भेज दिया गया था.

चौक के नामकरण कार्यक्रम में झारखंड आंदोलनकारी जेना जामुदा, नारान बानरा, रैना पूर्ति, शंकर गागराई, सुबोध बारदा, चैतन पूर्ति, राघु हेंब्रम, मनोज तापे, सुकरा तापे समेत अन्य उपस्थित थे.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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