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Jamshedpur news. बैंड-बाजा, डीजे, आतिशबाजी वाली शादियों में निकाह नहीं पढ़ायेंगे इमाम-मौलाना

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मानगो इमारत-ए-शरिया में आयोजित बैठक में लिया गया फैसला, 45 से अधिक मस्जिदों के इमामों ने पहुंच कर दिया समर्थन, वैवाहिक स्थल-हॉल के आस-पास युवाओं की टोली रहेगी तैनात, जो नियम तोड़नेवालों का करेगी विरोध

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Jamshedpur news.

मुस्लिम समुदाय ने शादी निकाह में बैंड-बाजा, डीजे, आतिशबाजी और फिजूलखर्ची को रोकने का बड़ा निर्णय लिया है. जमशेदपुर की कई मस्जिदों के इमाम-मौलानाओं ने आजादनगर स्थित इमारत-ए-शरिया में बैठक की. इसमें मौजूद 45 से अधिक मस्जिदों के इमाम व मौलानाओं ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है कि मुस्लिम समुदाय के शादी निकाह में फिजूलखर्ची रोकने के लिए बैंड बाजा, डीजे और पटाखों की आतिशबाजी को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जायेगा.

तंजीम उलेमा की बैठक में कहा गया कि फरमान की अवहेलना करने पर जिले का कोई भी इमाम या उलेमा ऐसी शादी में निकाह पढ़ाने नहीं जायेगा और इसका विरोध किया जायेगा. इतना ही नहीं, उनके यहां बाहर से आये किसी उलेमा को निकाह पढ़ाने की इजाजत भी नहीं दी जायेगी, ना ही उस परिवार द्वारा आयोजित किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में उलेमा शामिल होंगे. जिले के सभी मस्जिद कमेटियों और मदरसों की कमेटियों द्वारा इस फैसले का स्वागत किया गया है.

इस्लाम नहीं देता इजाजत : काजी सऊद

काजी सऊद आलम ने कहा कि बैंड बाजा डीजे पर रोक लगाने के पीछे मकसद यह है कि इसके लिए इस्लाम इजाजत नहीं देता है. इस फैसले से जहां समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को राहत मिलेगी, वहीं समृद्ध परिवार के लोग ऐसा करने से बचेंगे. तंजीमुल उलेमा के लिए गये फैसले में साफ कह दिया गया है कि उक्त शरिया कानून का अगर कोई भी व्यक्ति उल्लंघन करता है, तो इमाम और उलेमा उनके यहां निकाह पढ़ाने नहीं जायेंगे.

मस्जिदों में किया जायेगा ऐलान

निर्णय के बाद इसका प्रचार प्रसार करने के लिए कमेटियों के पदाधिकारियों ने अपील की गयी है कि सभी मस्जिदों में इसका ऐलान किया जाये. खासकर जुमे के दिन, ताकि अधिक से अधिक लोगों को फैसले के बारे में जानकारी हो सके.

युवाओं की बनायी जायेगी टोली, जो रखेगी नजर

काजी सऊद आलम ने कहा कि शादी-पार्टी स्थल के लिए बनाये गये हॉल के आस-पास युवाओं की टोली का गठन किया जायेगा. युवा सदस्य ध्यान रखेंगे कि किसी परिवार द्वारा इन नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया जा रहा है. अगर कहीं ऐसा होता है, तो युवा वहां अपना विरोध भी व्यक्त कर सकेंगे.

मस्जिद में निकाह के बाद यदि पार्टी में आतिशबाजी की, तो भी होगा विरोध

काजी सऊद आलम ने कहा कि मस्जिद में सादगी के बाद निकाह करने और फिर विवाह की पार्टी के दौरान यदि आतिशाबाजी या बैंड बाजा बजाया गया, तो इसका कड़ा विरोध होगा. आवाम से अपील की गयी है कि वे ऐसी बारात-पार्टियों का बहिष्कार कर वहां से लौट आयें. इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करें.

बैठक में प्रमुख रूप से साकची जामा मस्जिद के इमाम अतहर गजाली, धातकीडीह के इमाम मुफ्ती अमीरूल हसन, साकची आमबगान के इमाम मुफ्ती जैनुल आबेदीन, साकची गौशाला मस्जिद के मुफ्ती निशाद, जमीयत उलेमा के हाफिज अनवर, मोहम्मदी मस्जिद चूना शाह मस्जिद के मुफ्ती सगीर, मस्जिद-ए-नूर के मौलाना मो राशीद, मस्जिद के अनवार के इमाम, मस्जिद-ए-बिलाल के मौलाना मुस्सर, मस्जिद-ए-उमर के इमाम मौलाना मुश्ताक समेत 45 से अधिक मस्जिदों के इमाम-मौलाना उपस्थित थे.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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