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कोल्ड स्टोरेज व सिंचाई जलाशय योजना का सपना नहीं हुआ पूरा

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इचाक का धनिया देश के कई छोटे-बड़े शहरों में बिकता है

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: इचाक का धनिया देश के कई छोटे-बड़े शहरों में बिकता है इचाक. बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र का इचाक प्रखंड किसान बहुल प्रखंड है. इस प्रखंड के 80% लोग कृषि पर आश्रित हैं. यहां के किसान कोल्ड स्टोरेज एवं सिंचाई जलाशय योजना का निर्माण कराने की मांग प्रमुखता से उठाते रहे हैं. पर वर्षों बीत गये, उनका सपना 2024 में भी पूरा नहीं हुआ. इचाक प्रखंड के किसानों ने धनिया, टमाटर और आलू की बेहतर खेती कर झारखंड ही नहीं, देश स्तर पर अपनी पहचान बनायी है. इचाक का धनिया देश के कई छोटे-बड़े शहरों में बिकता है. इसके अलावा इचाक के किसानों द्वारा उत्पादित धनिया श्रीलंका, बांग्लादेश समेत अन्य दूसरे देशों में भी अपनी खुशबू बिखेर रहा है. इसके बाद भी इचाक के किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पा रही है. स्थिति यह है कि प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज एवं सिंचाई की समुचित व्यवस्था का अभाव है. किसान अपने बलबूते भारी मात्रा में आलू और धनिया पत्ता का उत्पादन करते हैं, पर कोल्ड स्टोरेज नहीं होने से उन्हें इस खेती से अच्छी कमाई नहीं हो पाती है. उत्पादित धनियां, आलू एवं साग सब्जी सड़ने के डर से किसान अपनी फसलों को औने पौने दाम पर व्यापारियों के हाथ बेच देते हैं. किसानों की मेहनत की कमाई व्यापारी ले जाते हैं और किसानों से भी ज्यादा कमाई कर लेते हैं. पूंजी एवं मेहनत की तुलना में कम आमदनी होने से क्षेत्र के किसानों में मायूसी देखी जाती है. किसान प्रेम कुमार, सीताराम कुशवाहा, वीरेंद्र मेहता समेत अन्य किसानों का कहना है कि इचाक प्रखंड कृषि बहुल क्षेत्र है. इसके बाद भी यहां के जनप्रतिनिधि किसानों के प्रति चिंता नहीं करते, जिस कारण किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है. कोल्ड स्टोरेज बन जाने से किसान अपने उत्पादित फसलों को वहां रखते और अधिक कीमत पर बेचते, तो आय में बढ़ोतरी होती और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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