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सर्दियों में हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज से बचने के लिए गर्म कपड़े का इस्तेमाल जरूरी

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सावधानी नहीं बरतने से लकवा के शिकार बनते हैं.

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डॉक्टरी सलाह हजारीबाग. आयुष फिजिशियन एंड कंसलटेंट डॉ हकीम खान ने आम लोगों से सर्दियों के मौसम में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है. कहा नवंबर से मार्च महीने तक हार्ट-अटैक और ब्रेन हेमरेज होने का खतरा अधिक होता है. इस दौरान लोगों के सावधानी नहीं बरतने से वे लकवा के शिकार बनते हैं. उन्होंने कहा सर्दियों के मौसम में सिर से पैर तक गर्म कपड़े का इस्तेमाल करें. वहीं, गर्म पानी से नहाने के बाद तुरंत खुले मे निकलने से बचना चाहिए. रात में सोने के बाद वाशरूम एवं अन्य खुली जगहों पर नहीं निकलना चाहिए. गर्म बदन में एकाएक बाहर का वातावरण (ठंड) खतरा पैदा करता है. हकीम खान ने कहा कोई व्यक्ति अगर गर्म पानी से नहा कर तुरंत खुले मे निकलता है, रात को वाशरूम जाने के लिए कंबल या रजाई से बाहर निकलता है, तो इन दोनों परिस्थिति में शरीर का तापमान अचानक से प्रभावित होता है, इसका असर शरीर में खून के बहाव (ब्लड प्रेशर) पर पड़ता है. सर्दियों में ब्लड प्रेशर के प्रभावित होने से ही ब्रेन हेमरेज और हार्ट-अटैक जैसी समस्या उत्पन्न होती है. खास कर सर्दियों के मौसम में हार्ट-अटैक, ब्रेन हेमरेज एवं अन्य घातक बीमारियों से बचने के लिए परिवार के लोगों में बड़े बुजुर्ग का ख्याल रखना चाहिए. सर्दियों में बिस्तर छोड़ने से पहले कुछ देर बैठ जायें. लगभग 40 सेकेंड तक बैठने के बाद अपने पैरों को नीचे एक मिनट तक लटकायें और फिर गर्म कपड़े पहन कर बाहर निकलें. इससे शरीर में ब्लड बहाव नियमित बना रहेगा और स्ट्राेक्स की संभावना कम होगी. सर्दियों के मौसम में रात के तीन बजे से लेकर सुबह छह बजे तक स्ट्रोक्स की संभावना बनी रहती है. स्ट्रोक्स की वजह से लकवा की दो स्थिति पैदा होती है. एक दिमाग में खून की सप्लाई बेहद कम हो जाती है. इसे स्टेमिक कहते हैं. इसमें इलाज के बाद इंसान की बचने की संभावना होती है. वहीं, दूसरी स्थिति में ब्रेन की नसे फट जाती हैं. इसे हीमोरेजिक कहते हैं. ऐसी स्थिति में पीड़ित की बचने की संभावना कम होती है.

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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