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भीड़ न बने, भीड़ से अलग रहें. प्रो प्रकाश सहाय

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विभावि राजनीति विज्ञान विभाग ने व्याख्यान माला

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: विभावि राजनीति विज्ञान विभाग ने व्याख्यान माला हजारीबाग. विभावि राजनीति विज्ञान विभाग ने व्याख्यान माला का आयोजन सोमवार को कला भवन में किया. अध्यक्षता राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ सुकल्याण मोइत्रा ने की. मुख्य वक्ता रांची विश्वविद्यालय से आये प्रोफेसर प्रकाश सहाय ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य हृदय को जागृत करना होना चाहिए. हृदय जागृत होगी, तो मानवीय मूल्य विकसित होंगे. इससे दया, प्रेम एवं करुणा जागेगी. इस अवस्था को जिसने प्राप्त कर लिया, उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को किसी भी विषय को देखने के लिए मौलिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है. किसी को खुश करने के लिए या किसी राजनीतिक लाभ के लिए किसी गलत बात को रटते नहीं रहना है. इससे अपना पतन होगा. उदाहरण स्वरूप उन्होंने कहा कि आज भ्रष्टाचार का सामान्य अर्थ आर्थिक भ्रष्टाचार तक सीमित हो गया है. लेकिन सामाजिक एवं सांस्कृतिक भ्रष्टाचार और भी खतरनाक है. परिवारों का टूटना एवं वृद्धाश्रमों की स्थापना का उन्होंने इस संबंध में जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि महंगाई बढ़ी है या हमारे में बाजारवाद बढ़ा है? उन्होंने वैसे विषयों की चर्चा की, जो अमूमन विद्यार्थियों को कभी बताया नहीं जाता है. पढ़ाई के संबंध में बताते हुए उन्होंने कहा कि किसी विषय के कब-क्यों-कैसे को जाने. कभी भीड़ न बने. हमेशा भीड़ से अलग रहें. इस अवसर पर विभाग की ओर से डॉ प्रमोद कुमार के स्व दादा, बाबू राम नारायण सिंह द्वारा लिखित पुस्तक प्रोफेसर सहाय को भेंट की. कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रमोद कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अजय बहादुर सिंह ने किया. इस अवसर पर डॉ विनोद रंजन, डॉ मृत्युंजय प्रसाद, डॉ पीके सिंह, डॉ विजय कुजूर के अलावा राजनीति विज्ञान, मानवविज्ञान एवं दर्शनशास्त्र विभाग के विद्यार्थी उपस्थित थे.

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