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ओपीडी बंद, चार दर्जन मरीज बैरंग घर लौटे

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कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता की घटना पर डॉक्टरों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

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17 गुम 11 में ओपीडी बंद कर प्रदर्शन करते डॉक्टर बिशुनपुर. कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता की घटना पर डॉक्टरों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिशुनपुर में शनिवार को डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी बंद रहीं. जिसके कारण अपनी विभिन्न बीमारी को लेकर दिखाने पहुंचे लगभग चार दर्जन से ज्यादा मरीजों को बिना ट्रीटमेंट के घर लौटना पड़ा. वहीं इमरजेंसी में लोड बढ़ गया और कई अति आवश्यक मरीज को डॉक्टर द्वारा इमरजेंसी में देखा गया. मरीज के परिजनों ने बताया कि ओपीडी बंद होने से उन्हें बहुत परेशानी हो रही है और वे अपने मरीज का इलाज नहीं कर पा रहे हैं. एक अन्य मरीज ने कहा कि मुझे अपनी दवा बदलवाना था. लेकिन अब ओपीडी बंद होने से मैं अपनी दवाई नहीं बदलवा पा रहा हूं. इधर अस्पताल में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सोनाली डेजी मिंज के नेतृत्व में डॉक्टर व कर्मचारियों ने एकत्र होकर प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की. मरीजों की परेशानी को देखते हुए प्रखंड प्रशासन की ओर से अंचलाधिकारी शेखर वर्मा ने डॉक्टर से हड़ताल समाप्त करने की अपील की है. ताकि मरीजों का इलाज हो सके. डॉक्टर की हत्या के विरोध में ओपीडी सेवा ठप रही प्रतिनिधि, गुमला झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन व आइएमए के संयुक्त तत्वावधान में गुमला जिले के सभी अस्पतालों में ओपीडी सेवा ठप रही. कोलकाता की प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ हुए दुष्कर्म व निर्मम हत्या से डॉक्टर आक्रोशित हैं. शनिवार को सभी डॉक्टर अस्पताल गेट के समीप धरना दिये और घटना का विरोध किया. हालांकि, इमरजेंसी सेवा चालू थी. सदर अस्पताल गुमला में चिकित्सक डॉ पीसीके भगत व डॉ डॉली किस्पोट्टा अपनी डयूटी में मौजूद थीं, जो इमरजेंसी सेवा के तहत मरीजों की जांच कर रहे थे. इधर सभी डॉक्टर अस्पताल गेट के पास दर्री बिछाकर बैठे हुए थे और कोलकाता की घटना का विरोध किया. मौके पर झासा अध्यक्ष डॉक्टर अनुपम किशोर, डॉक्टर जितेंद्र सिंह, डॉक्टर डॉली किस्पोट्टा, डॉक्टर मीनू कुमारी, डॉक्टर रंजना चौधरी, आइएमए अध्यक्ष डॉक्टर आरएन यादव, डॉक्टर सुगेंद्र साय, डॉक्टर कृष्णा प्रसाद, डॉक्टर राहुल देव उरांव, डॉक्टर शकुंतला मुर्मू, डॉक्टर पूनम कुमारी, प्रधान लिपिक सुकरा उरांव, प्रवीण कुमार, सानू कुमार, रोहित राज सहित सभी चिकित्सक व चिकित्सा कर्मी मौजूद थे. इमरजेंसी सेवा में मरीजों का इलाज हुआ विरोध के क्रम में कुछ इमरजेंसी मरीजों में एक बुजुर्ग व्यक्ति अपनी शुगर व शरीर कंपन होने की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचा. लेकिन ओपीडी पुर्जा नहीं मिलने के कारण इमरजेंसी चिकित्सक ने उन्हें देखने से इंकार कर दिया. जिसके बाद वह बुजुर्ग व्यक्ति अपने बेटे के साथ डीएस डॉ अनुपम किशोर के पास पहुंचा. जहां उन्होंने डीएस से आग्रह किया. जिसके बाद डीएस ने उसका इलाज कर उसे घर भेजा. वहीं एक महिला जिसे कुत्ता ने हाथ में काट लिया था. वह भी अचानक सदर अस्पताल पहुंची. जहां महिला द्वारा आग्रह करने पर डीएस ने उसका इलाज कर एंटी रैबीज वैक्सीन दिलाया. डीएस ने विरोध प्रदर्शन में बैठे चिकित्सकों से कहा कि जो मरीज अस्पताल आ रहे हैं. अगर वे चिकित्सक से दिखाने के लिए अधिक अपील कर रहे हैं, तो आप सभी चिकित्सक उनका इलाज अवश्य करे. हमें अस्पताल में हंगामा नहीं करवाना है. हम सभी शांति रूप से अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे है. मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो : डॉ कृष्णा प्रसाद आइएमए के सदस्य डॉक्टर कृष्णा प्रसाद ने कहा कि जब जब चिकित्सकों के साथ मारपीट, हत्या व हमला होता है. तब संगठन द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाता है. लेकिन सरकार व स्वास्थ्य विभाग रांची द्वारा हमारी मांगों को अनसुना कर दिया जाता है. कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ हुए दुष्कर्म व निर्मम हत्या व उसके बाद असामाजिक तत्वों द्वारा मेडिकल कॉलेज में किये गये तोड़ फोड़ व मारपीट की घटना घटी है. पूर्व में सदर अस्पताल गुमला के चिकित्सक डॉ आरबी चौधरी की अपहरण कर हत्या कर दी गयी थी. उस समय भी पूरे राज्य में चिकित्सकों ने आंदोलन किया था. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जिसके कारण चिकित्सकों पर हो रहे हमले की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है. जब तक चिकित्सकों के लिए मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं होगा. तब तक यह घटना रुकने का नाम नहीं लेगी. इस पर सरकार व स्वास्थ्य विभाग को गंभीर होने की जरूरत है. तभी इस घटना को रोका जा सकता है. कामडारा अस्पताल रहा सुनसान कामडारा. प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी सेवा पूरी तरह से बंद होने के कारण मरीज परेशान रहे. ज्ञात हो कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला पीजी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना से पूरा देश आक्रोश में है. घटना के विरोध में सभी डॉक्टर हड़ताल पर रहे. ओपीडी सेवा बंद रही. वहीं इमरजेंसी में आये मरीजों का इलाज किया गया.

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