18.4 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 02:16 am
18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Lockdown Effect : गुमला में नहीं मिला रोजगार, पलायन किये 60 मजदूर

Advertisement

लॉक डाउन की विषम परिस्थिति में अपने घर लौटे प्रवासी मजदूर फिर रोजी रोजगार के जुगाड़ के लिए पलायन करने को मजबूर हो गये हैं. प्रशासन इन मजदूरों को अपने गृह जिला में रोजगार नहीं दे सका

Audio Book

ऑडियो सुनें

गुमला : लॉक डाउन की विषम परिस्थिति में अपने घर लौटे प्रवासी मजदूर फिर रोजी रोजगार के जुगाड़ के लिए पलायन करने को मजबूर हो गये हैं. प्रशासन इन मजदूरों को अपने गृह जिला में रोजगार नहीं दे सका. जिसके कारण मजदूर फिर अपने बच्चों व पेट की भूख मिटाने के लिए पलायन करना शुरू कर दिये हैं. ऐसा ही एक मामला सिसई प्रखंड से सामने आया है.

गुरुवार को सिसई प्रखंड के छारदा, भुरसो, पहामु व निंगनी गांव के 60 बालिग व नाबालिग युवक रोजगार की तलाश में तेलंगाना के हैदराबाद के लिए रवाना हुए. मजदूर युवकों ने बताया की लॉक डाउन से पहले हमलोग एलएनटी कंपनी टीयूडी रायदुर्गम हैदराबाद में काम करते थे. जहां मजदूरी के रूप में ओवर टाईम सहित 750 रुपया प्रति दिन मजदूरी मिलता था.

कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी फैलने के बाद सरकार द्वारा लगाये गये लॉक डाउन के दौरान पैदल व अन्य साधनों से किसी तरह जान बचाकर अपने घर लौटे थे. कठिन परिस्थितियों में वापस लौटने के बाद बाहर मजदूरी के लिए वापस नहीं जाने की ठान चुके थे.

किसी तरह यहीं रहकर मेहनत मजदूरी कर अपना जीविका चलायेंगे. किंतु घर वापस लौटने के करीब चार माह से कोई काम नहीं होने के कारण स्वेच्छा से काम के लिए बाहर जा रहे हैं. सरकारी योजनाओं में मजदूरी दर अत्यंत कम होने के कारण सरकारी मजदूरी दर पर कार्य कर जीवन चलाना नामुमकिन है.

बस से मजदूरों के ले गये एजेंट : इधर, मजदूरों को कंपनी में काम पर ले जाने के लिए बकायदा कंपनी के ठेकेदारों द्वारा स्थानीय लोगों को एजेंट के रूप में कमिशन पर रखा गया है. जिनके द्वारा मजदूरों को प्रलोभन देकर बाहर भेजने के लिए एकत्रित किया जाता है. जिसके बाद निर्धारित समय पर कंपनी के द्वारा वाहन भेजकर सभी मजदूरों को ठेकेदार के माध्यम से कंपनी ले जाया जा रहा है.

मजदूरों को हैदराबाद ले जा रहे कंपनी ठेकेदार ओड़िशा राज्य के मनोज कुमार रावलो से प्रशासनिक अनुमति के संबंध में पूछे जाने पर बताया कि स्थानीय प्रखंड प्रशासन से मुलाकात किया गया था. प्रखंड प्रशासन द्वारा अंतर राज्यीय मामला होने के कारण जिला प्रशासन से अनुमति लेने की बात कही गयी.

जिसके बाद जिला श्रम नियोजन कार्यालय गुमला से 60 मजदूरों की अनुमति मिलने की बात कहते हुए जिला श्रम कार्यालय से दूरभाष पर बात करायी. श्रम कार्यालय गुमला से फोन पर इस संबंध में बात किये जाने पर 60 श्रमिकों का लाल कार्ड बन जाने व मजदूर अपनी मर्जी से कहीं भी काम करने जा सकते हैं, की बात कही गयी.

Post by : Pritish Sahay

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें