15.1 C
Ranchi
Tuesday, February 4, 2025 | 04:27 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

नक्सलियों के गढ़ गुमला के राजाडेरा में काटे गये 100 से अधिक सखुआ के पेड़, CM हेमंत सोरेन तक पहुंचायी बात

Advertisement

गुमला जिला अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्र राजाडेरा के जंगल में 100 से अधिक सखुआ के पेड़ काटे जाने का मामला सामने आया है. झारखंड जनाधिकार महासभा ने सीएम हेमंत सोरेन को ट्विट कर इसकी जानकारी दी गयी है. इधर, डीएफओ श्रीकांत के मुताबिक, रैयती जमीन पर लगे पेड़ को काटा गया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News (दुर्जय पासवान, गुमला) : झारखंड के गुमला जिला अंतर्गत चैनपुर प्रखंड स्थित राजाडेरा गांव घोर नक्सल प्रभावित इलाका है. इसी राजाडेरा जंगल में 100 से अधिक सखुआ का पेड़ काट दिया गया है. अभी भी पेड़ का बोटा गांव में पड़ा हुआ है. यह सभी पेड़ जंगल से काटा गया है. जंगल में पेड़ काटे जाने का निशान है. जंगलों में पेड़ काटे जाने के बाद ठूंठ को देखा जा सकता है. जंगल से पेड़ काटे जाने का मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक पहुंच गयी है.

- Advertisement -
Undefined
नक्सलियों के गढ़ गुमला के राजाडेरा में काटे गये 100 से अधिक सखुआ के पेड़, cm हेमंत सोरेन तक पहुंचायी बात 2

झारखंड जनाधिकार महासभा ने सीएम को ट्वीट किया है. जिसमें जंगल से काटे गये पेड़ों का बोटा है. साथ में कुछ वीडियो भी ट्विटर में डाला गया है. जिसमें दिखाया गया है कि किस प्रकार पेड़ काटकर रखा गया है. साथ ही 10 दिन के अंदर जंगल से काटे गये पेड़ों का भी वीडियो है. हालांकि, इस मामले में सीएम ने अभी तक किसी प्रकार का जांच का निर्देश नहीं दिया है. लेकिन, राजाडेरा जंगल से पेड़ काटे जाने से मामला गरमा गया है.

इधर, गुमला वन विभाग के DFO श्रीकांत ने कहा है कि जिस जमीन से पेड़ काटा गया है. वह रैयती जमीन है. इधर, प्रभात खबर को उपलब्ध कराये गये कागज के अनुसार, 18 जून 2012 को जुलयुस तिग्गा नामक व्यक्ति ने अपनी जमीन से पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी. जिसमें उन्होंने 60 साल के पेड़ काटने का जिक्र किया है.

Also Read: Jharkhand News: पलामू टाइगर रिजर्व में दिखा नर बाघ, मौजूदगी के सभी प्रमाण बरामद, संख्या बढ़ने की है उम्मीद

लेकिन, जिस स्थान पर पेड़ का बोटा रखा हुआ है. वहीं, 100 से अधिक पेड़ है और हाल के दिनों में काटा गया है. जबकि जुलयुस तिग्गा के कागज के अनुसार, उन्होंने नौ साल पहले पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी. इसलिए झारखंड जनाधिकारी महासभा ने सीएम से पूरे मामले की जांच करने की मांग की है. साथ ही जंगल से पेड़ों को काटने में लकड़ी माफिया, दलाल, बिचौलिया व विभाग के अधिकारी की मिलीभगत की आशंका प्रकट किया है.

वन विभाग जो भी कहे, सरकार एक बार जांच कराये : रोस

गुमला- लातेहार नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज से जुड़ी सदस्य रोसा खाखा कुछ दिन पहले अपने कुछ साथियों के साथ राजाडेरा गांव का भ्रमण करने गयी थी. तभी वहां पेड़ों को काटा पाया. सदस्यों ने गांव से सटे जंगलों का निरीक्षण किया, तो कई जगह पेड़ काटे हुए मिले और सिर्फ ठूंठ नजर आये. उन्होंने बताया कि बिना ग्रामसभा के इस क्षेत्र में अवैध तरीके से काम हो रहा है. वन विभाग चाहे जो भी बोले. अगर इसकी निष्पक्ष जांच हो, तो किस प्रकार पर्यावरण के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इसका खुलासा होगा. इधर, जेरोम कुजूर ने भी जंगल से पेड़ काटे जाने को गंभीर मामला बताते हुए जांच की मांग की है.

नक्सली कम हुए, तो लकड़ी माफिया हो रहे हावी

राजाडेरा भाकपा माओवादियों का सेफ जोन रहा है. हालांकि, पुलिस के लगातार अभियान व 15 लाख रुपये के इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव के मारे जाने के बाद राजाडेरा में नक्सलियों की आवाजाही कम हुई है. जबतक इस क्षेत्र में नक्सली थे. डर से लकड़ी माफिया नहीं घुसते थे. लेकिन, नक्सलियों ने अपना ठिकाना बदला तो इस क्षेत्र में जंगल काटना शुरू हो गया है. कुछ दिन पहले डुमरी व जारी में भी इसी प्रकार जंगल से पेड़ काटा गया है.

Also Read: गुमला में पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू, 159 पंचायत में 82 सीट महिलाओं के लिए, जानें किस वर्ग के लिए कितने रैयत के जमीन पर लगे पेड़ कटे : DFO

इस संबंध में गुमला वन विभाग के DFO श्रीकांत ने कहा कि सखुआ बोटा रैयत (जमीन मालिक) का है. रैयत ने तीन माह पूर्व चैनपुर अंचल में आवेदन देकर अपनी जमीन से पेड़ों को काटने के लिए परमिशन लिया था. रैयत द्वारा आवेदन दिये जाने के बाद जांच किया गया था. जांच सही पाया गया. जिस जमीन से पेड़ों को काटा गया है. उक्त जमीन जंगल-झाड़ी नहीं है. उक्त जमीन रैयत का अपना निजी जमीन है.

Posted By : Samir Ranjan.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें