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विधायक बनने का जुनून : हर बार खेत बेचकर चुनाव लड़ता है एतवा उरांव, हो जाती है जमानत जब्त

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Jharkhand Assembly Election: झारखंड के एतवा उरांव को विधायक बनने का जुनून सवार है. वह हर बार चुनाव लड़ते हैं. खेत बेचकर चुनाव लड़ते हैं.

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Jharkhand Assembly Elections|गुमला: जगरनाथ/अंकित : धरती पकड़ के नाम से मशहूर काका जोगिंदर सिंह को कौन नहीं जानता. जब भी कोई चुनाव आता है, लोगों को उनकी याद आ जाती है. विधानसभा से लोकसभा और राष्ट्रपति तक का चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि, कभी उनको चुनाव में जीत नहीं मिली. हर बार उनकी जमानत जब्त हुई. धरती पकड़ बार-बार चुनाव लड़ने वाले अकेले शख्स नहीं थे. झारखंड में भी एक ऐसा व्यक्ति है, जो हर बार चुनाव लड़ता है. हर बार उसकी जमानत जब्त हो जाती है.

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76 साल की उम्र में लड़ चुके हैं मुखिया से लोकसभा तक का चुनाव

हम बात कर रहे हैं एतवा उरांव की. एतवा उरांव गुमला जिले के रहने वाले हैं. 76 साल उनकी उम्र हो चुकी है. वह मुखिया से लेकर विधानसभा और लोकसभा तक का चुनाव लड़ चुके हैं. ऐसा भी नहीं है कि एतवा उरांव के पास बहुत पैसे हैं, जिससे वह हर बार चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं. इसके लिए उन्हें अपनी जमीन बेचनी पड़ती है. हर बार वह जमीन बेचकर ही चुनाव लड़ते हैं.

गुमला जिले के घाघरा प्रखंड के रहने वाले हैं एतवा उरांव

एतवा उरांव गुमला जिले के घाघरा प्रखंड में सरांगो गांव के रहने वाले हैं. चुनाव लड़ने का उनका शौक अजीब है. अब तक 4 बार झारखंड विधानसभा का चुनाव, एक बार लोकसभा चुनाव और 3 बार मुखिया का चुनाव लड़ चुके हैं. कभी जीते नहीं. हर बार उनकी जमानत जब्त हुई. इसके बाद भी वह हर बार चुनाव लड़ते हैं. एतवा उरांव खेत बेचकर और मजदूरी करके पैसा जमा करते हैं और उसी पैसे से चुनाव लड़ते हैं.

एतवा उरांव ने बिशुनपुर विधानसभा सीट से भरा है नामांकन

एतवा उरांव ने इस बार अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित बिशुनपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है. एतवा ने बताया कि वह ठेपा छाप हैं. यानी पढ़ना-लिखना नहीं जानते. लिख तो बिल्कुल नहीं पाते हैं. कभी स्कूल नहीं गए. थोड़ी-बहुत हिंदी हिंदी किसी तरह से पढ़ लेते हैं. उनके पास 4 एकड़ खेत है, जिसमें साल भर खेती करते हैं. उसी खेत से घर परिवार की जीविका चलती है.

झारखंड विधानसभा चुनाव की ताजा खबरें यहां पढ़ें

4 बार विधानसभा, 1 बार लोकसभा, 3 बार मुखिया का चुनाव लड़े

एतवा उरांव कहते हैं कि वह हर बार विधानसभा, लोकसभा और मुखिया के चुनाव में नामांकन दाखिल करते हैं. कई बार उनका नामांकन रद्द हो गया, जिस समय वह नामांकन भरते हैं, उसमें कुछ न कुछ त्रुटि रह जाती है. उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 4 बार विधानसभा, एक बार लोकसभा और 3 बार मुखिया का चुनाव लड़ चुके हैं. तब उनका नामांकन रद्द नहीं हुआ था.

पांचवीं बार विधानसभा चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं एतवा

उन्होंने बताया कि नामांकन पत्र में सब कुछ ठीक रहने की वजह से चुनाव तो लड़े, लेकिन जनता का समर्थन उनको नहीं मिला. वह कभी चुनाव जीत नहीं सके. इस बार उनकी चुनाव की तैयारी कैसी है, यह पूछने पर एतवा उरांव कहते हैं कि लगातार 5 साल तक क्षेत्र में घूमता हूं. इसलिए इस बार विधानसभा चुनाव की पूरी तैयारी करके नामांकन किया है. ईश्वर से प्रार्थना है कि नामांकन रद्द न हो, ताकि पांचवीं बार विधानसभा चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बना सकूं.

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