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Christmas 2021: झारखंड का नवाडीह चर्च, जहां बाघ की याद में बना है माता मरियम का ग्रोटो

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Christmas 2021: ब्रिटिश काल में गुमला के डुमरी प्रखंड में नवाडीह चर्च का निर्माण किया गया था. यह क्षेत्र झाड़ी और जंगलों से घिरा हुआ था. यहां बाघ का आतंक था. तत्कालीन कमिश्नर के सहयोग से उस बाघ को मार गिराया गया. इसकी याद में माता मरियम का ग्रोटो बनाया गया था.

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Christmas 2021: झारखंड के गुमला जिले के डुमरी प्रखंड के आरसी नवाडीह चर्च का इतिहास 114 वर्ष पुराना है. इस चर्च में कई रोमांचक किस्से छिपे हुए हैं. जिसमें चर्च व चर्च के नजदीक बना कब्रिस्तान हो या चर्च के पश्चिमी की ओर बना माता मरियम का ग्रोटो. इस चर्च के संबंध में बुजुर्ग विलियम डुंगडुंग ने बताया कि ब्रिटिश काल में नवाडीह चर्च का निर्माण किया गया. उस समय यह क्षेत्र झाड़ी और जंगलों से घिरा हुआ था. यहां बाघ का आतंक था. तत्कालीन कमिश्नर के सहयोग से उस बाघ को मार गिराया गया. इसकी याद में चर्च के बगल पश्चिम की ओर माता मरियम का ग्रोटो बनाया गया.

बताया जाता है कि उस समय एक बाघ, जिसे लोग रॉयल बंगाल टाइगर के नाम से जानते थे. वह इस क्षेत्र का आदमखोर बाघ था. घनघोर जंगल होने के कारण कौन इंसान या पशु कब नरभक्षी बाघ का शिकार हो जाता. कोई नहीं जानता था. वह आदमखोर बाघ रोजाना 10-15 की संख्या में इंसान या पशु का शिकार करता था. जिससे क्षेत्र के लोग आतंकित और डरे सहमे रहते थे. बाघ जितने भी इंसान या पशु का शिकार करता था. उनके अधूरा शव को चर्च के बगल स्थित कब्रिस्तान में दफनाया जाता था.

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उन्होंने बताया कि उस समय तत्कालीन कमिश्नर के सहयोग से 1924 में उस बाघ को पूरे पंचोरा के लोगों ने जारी बितरी गांव के पहाड़ में घेर कर मार गिराया. उस बाघ को मारने की यादगारी में चर्च के बगल पश्चिम की ओर माता मरियम का ग्रोटो बनाया गया है. ईश्वर को धन्यवाद देने के लिए गिरजा के बगल में माता मरिया का ग्रोटो बनाया गया है.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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