24.1 C
Ranchi
Saturday, March 15, 2025 | 01:22 am
24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

माता पिता की हुई मौत तो गुमला के इन 4 बच्चों पर मंडराया रोजी-रोटी का संकट, प्रशासन से लगायी मदद की गुहार

Advertisement

यह मार्मिक कहानी चार भाई-बहनों की है. माता पिता की मौत के बाद चारों अनाथ हो गये. भूख मिटाने व जिंदा रहने के लिए महुआ शराब बेचते हैं. शराब बेचकर जो पैसा मिलता है. उसी से घर का चूल्हा जलता है

Audio Book

ऑडियो सुनें

गुमला : गुमला जिला के रायडीह में रहने वाले 4 बच्चों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है. दरअसल प्रखंड के खुरसुता गांव के रहने वाले सुरेश भगत और उनकी पत्नी की मौत 4 साल पहले हो गयी थी. वो दोनों टीबी की बीमारी से ग्रस्त थे. गरीबी के कारण वे अपना इलाज ठीक ढंग से नहीं करा पाये. जिस कारण पहले सुरेश भगत की मौत हुई. इसके कुछ महीने बाद पत्नी अनीता देवी की भी मौत हो गयी.

माता पिता की मौत के बाद उनके 4 बच्चों के सामने रोजी रोटी का संकट गहराने लगा तो उन्होंने भूख से बचने के लिए महुआ शराब बेचना शुरू कर दिया. शराब बेचकर जो पैसे मिलता था उससे घर का चूल्हा जलता था. अभी बरसात का समय है इसलिए महुआ शराब बनना बंद है. इसलिए इन 4 बच्चों के सामने भूखमरी की नौबत आ गयी है. अगर इन्हें प्रशासन से मदद नहीं मिली तो ये कुपोषण का शिकार हो जाएंगे.

इन 4 बच्चों में सबसे बड़ी सरिता कुमारी है जिसकी उम्र 17 वर्ष है. जिसके बाद पंकज भगत 15 वर्ष, सक्रांति कुमारी 10 वर्ष व ममता कुमारी 6 वर्ष है. इन्हें तत्काल मदद की जरूरत है. जिससे इनकी जीविका चल सके और ये भुखमरी से बच सके.

बड़ी बहन व भाई ने छोड़ी पढ़ाई :

सरिता कुमारी व पंकज भगत घर में बड़े हैं. इसके बाद दो छोटी बहनें हैं. दोनों बड़े भाई-बहन ने अपनी छोटी बहनों को पढ़ाने के लिए खुद पढ़ाई छोड़ दी. ताकि वे किसी प्रकार मजदूरी व अन्य धंधा कर अपनी बहनों को भरपेट भोजन करा सके और पढ़ाई चालू रह सके. पंकज भगत ने कहा कि प्रशासन हमारी मदद करें. नहीं तो हम भूखे मर जायेंगे. हमलोग कहीं जाने में असमर्थ है. अधिकारी कहां बैठते हैं. यह भी नहीं जानते.

राशन कार्ड नहीं है, पीएम आवास अधूरा :

सरिता कुमारी ने कहा कि सरकार की तरफ से पिता सुरेश भगत ज़िंदा थे. तभी प्रधानमंत्री आवास योजना मिला था जो पिता के नाम पर था. परंतु पिता की मौत के बाद आवास भी अधूरा रह गया है. हमारा राशन कार्ड भी नहीं कि हम अनाज उठाव कर अपनी भूख मिटाते. अब तो जीवन में अंधेरा ही अंधेरा दिखायी पड़ रहा है. घर में एक भी अनाज नहीं है. कई बार तो ऐसा हुआ है कि भूखे पेट सोना पड़ा है.

रिपोर्ट- दुर्जय पासवान

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
होम वीडियो
News Snaps
News Reels आप का शहर