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राजमहल कोल परियोजना इसीएल में केवल टीम करती है जांच, सुरक्षा मानकों को लेकर नहीं है गंभीर

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खुली परियोजना है राजमहल कोल परियोजना, विशेष सुरक्षा भी जरूरी

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एशिया का सबसे बड़ा ओपन कोल माइंस के रूप में राजमहल कोल परियोजना के तहत इसीएल ललमटिया है. ललमटिया खदान के संचालन का 50 साल पूरा हो गया है. इसी साल 2024 में इसीएल का 50 साल पूरा हुआ है. इतनी पुरानी परियोजना के बावजूद आज भी कई ऐसी चूक की वजह से समय-समय पर परियोजना में बड़ी-बड़ी दुर्घटनाएं होती रहती है. वर्ष 2016 में हुए इसीएल के खदान में सबसे बड़ा हादसा हुआ, जिसमें दो दर्जन से भी ज्यादा मजदूर व चालक से लेकर कर्मचारी की मौत हो गयी. इस भयानक हादसे के बाद भी लगातार दर्जनों बार हादसों का दौर लोगों ने देखा. पदाधिकारियों के सामने भी घटनाएं हुईं. मगर आज भी सुरक्षा को लेकर परियोजना की जो गंभीरता होनी चाहिए, वह नहीं देखी जा रही है. सुरक्षा मानकों के लगातार कम आंके जाने की वजह से हर दिन कुछ ना कुछ अप्रिय वारदात होती है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है. क्षेत्र के श्रमिक संगठन व मजदूरों की मानें, तो इसीएल की पूरी परियोजना खुली है. कोयले की खुदाई करके कई किमी की जमीन को काट दिया जाता है. इसमें करीब हजार मीटर से भी ज्यादा खाई के अंदर कोयले की खुदाई के दौरान बड़ी व विशाल मशीन के साथ सैकड़ों कर्मी काम पर लगे रहे हैं. माइंस में चालक बगैर हेलमेट के वाहन चलाते आराम से देखे जाते हैं. खदान से बाहर की सुरक्षा की बात की जाये, तो परियोजना के जीरो प्वाइंट पर काम करने वाले कर्मी आज भी बिना हेलमेट, चश्मा, जैकेट के देखे जा सकते हैं. वहीं इसीएल वर्क शॉप में नियमों को ताक पर रखकर कर्मी मशीन व हाइवा का मरम्मत करते देखे जा सकते हैं. इसीएल में काम करने वाले बोलेरो व अन्य बड़ी-छोटी वाहनों को चलाने वाले चालक ना तो हेलमेट पहने नजर आते हैं और ना ही उन्हें सुरक्षा को लेकर ताकीद की जाती है. आसपास काम करने वाले कर्मी भी बिना सुरक्षा किट पहने काम करते देखे जाते है. साल में सुरक्षा पदाधिकारियों की हेड आफिस से होती है विजिट ऐसा नहीं है कि परियोजना की ओर से सुरक्षा मामले को लेकर किसी भी तरह की प्रशासनिक कोताही की जाती है. राजमहल कोल परियोजना इसीएल के सुरक्षा पदाधिकारियों की टीम साल में करीब आधे दर्जन बार इसीएल पहुंचकर मानकों को लेकर जानकारी लेते हुए कड़ी चेतावनी भी देते हैं. इधर करीब 15 दिन पहले भी सुरक्षा मानकों को लेकर निरीक्षण करने आयी टीम ने पूरी तरह से ताकीद करते हुए सभी कर्मचारियों को आवश्यक ताकीद करते हुए सुरक्षा के सभी मापदंडों का पालन करने व सभी उपस्कर पहनकर काम करने को कहा था. मगर टीम के जाने के बाद सारी व्यवस्था पूरी तरह से ऊपर वाले के हाथों संचालित हो जाती है. इस मामले में क्षेत्र के मजदूर नेताओं का साफ तौर पर कहना है कि पूरी तरह से सुरक्षा के नियम को जब तक परियोजना नहीं मानती है, तब तक बेहतर सुरक्षा की बात करनी बेईमानी होगी.

‘राजमहल कोल परियोजना इसीएल में सुरक्षा की व्यवस्था अच्छी है. समय-समय पर सुरक्षा के लेकर परियोजना कर्मी को जानकारी के साथ प्रशिक्षण भी दिया जाता है. सभी लोगों द्वारा सुरक्षा के नियम का पालन करायी भी जाती है.

-प्रणव कुमार, कार्मिक प्रबंधकB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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