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Giridih News:दो वर्षों से बंद पड़ी ओपेनकास्ट चालू होने का मार्ग प्रशस्त

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पिछले दो वर्षों से बंद पड़ी सीसीएल गिरिडीह कोलियरी की ओपेनकास्ट के जल्द चालू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.

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सीसीएल. वन विभाग ने कुल रकवा 82.83 हेक्टेयर वर्ष 1980 से पूर्व खंडित होने से संबंधित सीसीएल को प्रेषित किया रिपोर्ट

गिरिडीह. पिछले दो वर्षों से बंद पड़ी सीसीएल गिरिडीह कोलियरी की ओपेनकास्ट के जल्द चालू होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. ओसीपी के संदर्भ में सीसीएल गिरिडीह कोलियरी द्वारा पेश दस्तावेज तथा पर्यावरण स्वीकृति के लिए वर्ष 1980 से पूर्व 82.23 हेक्टेयर भूमि का खंडित रहने के लिए प्रमाण पत्र की मांग पर वन प्रमंडल पदाधिकारी (गिरिडीह पूर्वी वन प्रमंडल) ने परियोजना पदाधिकारी को रिपोर्ट भेजी है. इस रिपोर्ट में सभी पहलू का जिक्र करते हुए वन प्रमंडल पदाधिकारी ने कहा है कि वन क्षेत्र पदाधिकारी गिरिडीह के स्थलीय जांच प्रतिवेदन व पीओ द्वारा गिरिडीह सीसीएल खुली खदान परियोजना से संबंधित वर्ष 1976 से उपलब्ध कराये गये अभिलेखों का अवलोकन करने के बाद यह प्रतीत होता है कि गिरिडीह खुली परियोजना में शामिल मौजा करहरबारी व धोबीडीह की वन भूमि कुल रकवा 82.83 हेक्टेयर वर्ष 1980 से पूर्व खंडित है. इधर, वन विभाग से 1980 से पूर्व ब्रोकन होने संबंधित पत्र मिलने के बाद ओसीपी को चालू कराने को लेकर सीसीएल प्रबंधन इंवायरमेंटल क्लीयरेंस (इसी) के लिए स्टेट इंवायरमेंट इंपैक्ट एसेस्मेंट ऑथरिटी के पास इसे प्रस्तुत करने की तैयारी में जुट गया है. मालूम रहे कि ओसीपी जनवरी 2022 से बंद है. अब वन विभाग के पत्र के बाद ओसीपी में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों व मजदूरों में खुशी है.

इन्वायरमेंट क्लीयरेंस के लिए सिया की बैठक में किया जायेगा दस्तावेज प्रस्तुत : पीओ

गिरिडीह कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी एसके सिंह ने बताया कि वन विभाग से ओसीपी के 82.23 हेक्टेयर भूमि के वर्ष 1980 से पूर्व खंडित होने से संबंधित प्रमाण पत्र मिल गया है. एक सप्ताह में स्टेट इन्वायरमेंट इंपैक्ट एसेस्मेंट ऑथरिटी (सिया) की बैठक में इसी के लिए दस्तावेज प्रस्तुत किया जायेगा. इसी मिलने के बाद सीटीओ व सीटीई के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में अप्लाई किया जायेगा. हर माह स्टेट इंवायरमेंट इंपैक्ट एसेस्मेंट ऑथरिटी की बैठक होती है. ऐसे में नवंबर माह में इसी मिलने की संभावना है. कहा कि यदि सीटीओ व सीटीई दिसंबर माह तक मिल गयी तो जनवरी 2025 में ओपेनकास्ट से कोयला उत्पादन पुन: शुरू हो जायेगा. श्री सिंह ने बताया कि प्रतिवर्ष सात लाख टन कोयला उत्पादन के लिए इसी अप्लाई किया जायेगा. उन्होंने बताया कि ओपेनकास्ट परियोजना में 23 लाख टन कोयला रिजर्व है.

इसी-सीटीओ जल्द दिलाने की होगी कोशिश : सुदिव्य

गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि वन विभाग से ओसीपी के संदर्भ में वर्ष 1980 से पूर्व ब्रोकन होने की रिपोर्ट सीसीएल को दिये जाने की जानकारी मिली है. कहा कि अब ईसी व सीटीओ-सीटीई के लिए पहल होगी. कहा कि सिया की बैठक में सभी तथ्यों को रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि रांची में इन प्रमाण पत्रों को दिलाने के लिए हरसंभव कोशिश होगी. ओपेनकास्ट के चालू होने से गिरिडीह कोलियरी के लोगों को काफी लाभ होगा. राजस्व की प्राप्ति होगी. कोयला व्यवसाय से जुड़े लोगों के अलावा असंगठित मजदूरों को रोजगार उपलब्ध होगा और क्षेत्र में खुशहाली आयेगी.

झामुमो विधायकों व सांसद का प्रयास लाया रंग

बंद ओसीपी को चालू कराने को लेकर पिछले दिनों परिसदन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. बैठक में मुख्य रूप से गांडेय व गिरिडीह विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन व सुदिव्य कुमार सोनू, राज्य सभा सदस्य डॉ सरफराज अहमद, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, पीओ एसके सिंह, डीएफओ पूर्वी समेत राजस्व विभाग से संबंधित कई अधिकारी मौजूद थे. बैठक में ओसीपी को चालू कराने संबंधित बिंदुवार चर्चा हुई थी. सीसीएल अधिकारियों ने कहा था कि नयी गाइडलाइन और सुप्रीम कोर्ट के नये आदेश के आलोक में यदि किसी भूमि पर 1980 से पहले खनन का कार्य हो रहा है, तो उस भूमि पर वन विभाग आपत्ति नहीं कर सकता है. गिरिडीह कोलियरी के ओपेनकास्ट में वर्ष 1980 से पहले से खनन हो रहा है. इसी के आलोक में सभी दस्तावेजों के अवलोकन के पश्चात ब्रोकन रिपोर्ट दी गयी है. बताया जाता है कि इस बैठक के बाद उक्त कार्य में तेजी आयी. लोगों का कहना है कि झामुमो विधायकों व सांसद का प्रयास रंग लाया है. (सूरज सिन्हा, गिरिडीह)

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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