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एनआइए ने नक्सली की जिस जमीन को जब्त किया था, उस पर कब्जे की जांच शुरू

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नक्सलियों का पैसा निवेश करनेवाले मनोज चौधरी की जब्त जमीन पर कब्जे की जांच शुरू हो गयी है. गिरिडीह कोर्ट रोड स्थित जमीन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने जब्त की थी.

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संवाददाता, गिरिडीह

नक्सलियों का पैसा निवेश करनेवाले मनोज चौधरी की जब्त जमीन पर कब्जे की जांच शुरू हो गयी है. गिरिडीह कोर्ट रोड स्थित जमीन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने जब्त की थी. शुक्रवार को डुमरी एसडीपीओ सुमित कुमार के नेतृत्व में एक टीम जिला मुख्यालय पहुंची और स्थल का निरीक्षण किया. बताया जाता है कि कोर्ट रोड में इंडियन बैंक के बगल में नक्सली संगठन से जुड़े मनोज चौधरी का एक प्लॉट है. कुछ वर्ष पूर्व एनआइए ने इसे जब्त किया था. मनोज चौधरी के कई प्लॉट एनआइए ने अपने कब्जे में लिये थे, इसमें शहरी क्षेत्र की जमीन भी शामिल थी. बताया जाता है कि इस जमीन पर जाने के लिए 10 फीट का एक कॉमन रास्ता आपसी सहमति और एग्रीमेंट के आधार पर छोड़ा गया था. इसे बाद में बिल्डिंग का निर्माण कर रहे मनीष जायसवाल ने अपने कब्जे में ले लिया. एक ओर जहां रास्ते पर छत की ढलाई कर दी गयी, वहीं शटर लगाकर इसे बंद भी कर दिया गया. जब मामला आरक्षी अधीक्षक दीपक कुमार शर्मा तक पहुंचा, तो उन्होंने डुमरी एसडीपीओ को जांच का निर्देश दिया. बताते चलें कि कार्रवाई के दौरान एनआइए ने मनोज चौधरी की कई जमीनें जब्त की थीं. इस बाबत डुमरी थाना में मामला दर्ज किया गया था. एनआइए ने डुमरी पुलिस को जमीन की देखरेख की जिम्मेदारी दी थी. शुक्रवार को स्थल निरीक्षण के दौरान डुमरी एसडीपीओ ने संबंधित लोगों से पूछताछ भी की. इस दौरान गिरिडीह सीओ मो असलम, राजस्व उप निरीक्षक शंभू विश्वकर्मा समेत कई कर्मचारी मौजूद थे. बताया जाता है कि सीओ ने अतिक्रमण करने वाले मनीष अग्रवाल व विजय अग्रवाल को नोटिस जारी कर दस्तावेज जमा करने को कहा है.

नक्सली की जब्त पर लगा बोर्ड हुआ गायब

नक्सलियों की मोटी रकम के निवेशक मनोज चौधरी के एनआईए द्वारा जब्त की गयी जमीन पर अवैध कब्जा की जांच शुक्रवार को डुमरी के एसडीपीओ सुमित कुमार ने की. टीम इसके लिए टीम गिरिडीह पहुंची. बता दें कि एनआइए ने उक्त जमीन को जब्त करने के बाद एक सूचनापट्ट भी लगाया गया था. इस सूचनापट्ट में जब्ती से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी थी. लेकिन बोर्ड को गायब कर दिया गया और उक्त जमीन पर भी अवैध कब्जा करने की कोशिश की जा रही थी. बताया जा रहा है कि इसलिए शटर लगाकर और कॉमन रास्ते के ऊपर ढलाई कर रास्ते को ही बंद कर दिया गया.

अतिक्रमण हटाया जायेगा : एसडीपीओ

इधर एसडीपीओ सुमित कुमार ने कहा कि मनीष अग्रवाल व विजय अग्रवाल नामक व्यक्ति द्वारा कॉमन रास्ता का अतिक्रमण किया गया है. दोनों ही लोगों को धारा 91 के तहत नोटिस दी जायेगी और कार्रवाई भी शुरू की जायेगी. कहा कि अतिक्रमण हटाकर विवाद को खत्म किया जायेगा. यदि संबंधित पक्ष द्वारा अतिक्रमण को नहीं हटाया गया तो बलपूर्वक अतिक्रमण हटा दिया जायेगा.

बिल्डिंग मालिक से मांगा गया है जमीन का दस्तावेज : सीओ

गिरिडीह के सीओ मो असलम ने कहा कि जब्त की गयी जमीन के कागजात का अवलोकन किया गया है. एग्रीमेंट में सहमति के आधार पर दस फीट का कॉमन रास्ता भी छोड़ा गया है. लेकिन बिल्डिंग का निर्माण कर रहे लोगों ने उक्त जमीन में जाने के रास्ते को ही बंद कर दिया है और पीछे दीवार भी दिया गया है. कहा कि मनीष अग्रवाल और विजय अग्रवाल को जमीन का दस्तावेज की मांग की गयी है. कॉमन रास्ते में छत की ढलाई नहीं की जा सकती है. यह कानूनन अपराध है.

आपसी सहमति से नक्शा में छोड़ा गया है दस फीट का रास्ता : मनीष

इधर बिल्डिंग का निर्माण करवा रहे शारदा ड्रेसेस के मनीष जायसवाल ने कहा कि आपसी सहमति के आधार पर दस फीट का एक कॉमन रास्ता छोड़ा गया था. लेकिन पीछे जमीन खाली रहने के कारण असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग सकता था. इसको रोकने के लिए छत की ढलाई कर दी गयी और शटर लगाकर रास्ते को बंद किया गया है. कहा कि उन्होंने इस जमीन को बैंक से नीलामी में खरीदा है. यदि जमीन का अतिक्रमण हुआ है तो वे आने-जाने वाले बंद रास्ते को खोल देंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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