16.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 01:29 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jamua Vidhan sabha: खेती से कमाये रुपये खर्च कर बने थे विधायक, पैदल ही करते थे चुनाव प्रचार

Advertisement

कांग्रेस प्रत्याशी सदानंद प्रसाद ने जमुआ विधानसभा क्षेत्र में पहली बार वर्ष 1952 के चुनाव में जीत हासिल की थी. सदानंद प्रसाद जमुआ विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1952, 1967 व 1969 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की थी

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jamua Vidhansabha|Jharkhand Assembly Election 2024| गिरिडीह| सूरज सिन्हा: जिले के जमुआ विधानसभा क्षेत्र में पहली बार वर्ष 1952 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सदानंद प्रसाद ने जीत हासिल की थी. वह काफी मृदुभाषी व व्यवहारकुशल थे. उनकी गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेता में होती था. दिवंगत सदानंद प्रसाद जमुआ विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1952, 1967 व 1969 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की थी.

- Advertisement -

वर्ष 1969 में वह अखंड बिहार में श्रम मंत्री बनाये गये थे. अहम बात यह है कि खेती से अर्जित राशि को खर्च कर वह पहली बार विधायक बने थे. चूंकि, वह किसान परिवार से आते थे और धान की खूब खेती होती थी, इसलिए वह खेती से अर्जित होने वाली राशि को चुनाव कार्य में खर्च कर जीत हासिल की और बिहार विधानसभा तक पहुंचे. शुरुआती दौर में जमुआ विधानसभा क्षेत्र सामान्य सीट थी.

वर्ष 1952 के चुनाव में स्व. सदानंद प्रसाद ने 22 हजार 485 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की थी. उन्होंने मैट्रिक तक की शिक्षा गिरिडीह हाइस्कूल से प्राप्त की थी. इसके बाद उन्होंने संत कोलंबा कॉलेज हजारीबाग में एडमिशन कराया, लेकिन बीच में ही उनकी पढ़ाई छूट गयी. उनके पुत्र शिवनंदन प्रसाद बताते हैं कि वर्ष 1918 में स्व. सदानंद प्रसाद महात्मा गांधी के आह्वान पर असहयोग आंदोलन में कूद गये थे. उसी वक्त उनकी पढ़ाई छूट गयी.

स्वतंत्रता संग्राम में वर्ष 1942 में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. उन्हें सेंट्रल जेल हजारीबाग में रखा गया था. उस दौर में कई स्वतंत्रता सेनानी भी वहां पर बंद थे आजादी के बाद वर्ष 1952 में वह कांग्रेस की टिकट से पहली बार जमुआ विस क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीत हासिल की. बताया कि उस वक्त चुनाव में काफी कम पैसा खर्च होता था. जीप से चुनाव प्रचार करते थे.

झारखंड विधानसभा चुनाव की खबरें यहां पढें

आज की तरह कार्यकर्ताओं का काफिला नहीं हुआ करता था. उस वक्त कार्यकर्ता सामान्य तरीके से पैदल या फिर साइकिल से चुनाव प्रचार करते थे. शिवनंदन प्रसाद बताते हैं कि उस दौर में उनके घर पर कांग्रेस के दिग्गज नेता केबी सहाय, बिंदेश्वरी दुबे व जगरनाथ मिश्र आते थे. सुरक्षा के नाम पर आज जैसा कोई तामझाम नहीं हुआ करता था. भ्रष्टाचार नहीं था. उनके पुस्तक प्रेमी और सभी विषयों के जानकार थे.

Also Read: पूर्व सांसद रवींद्र कुमार राय को BJP ने दी बड़ी जिम्मेदारी, कुछ समय पहले तेज थी नाराजगी की चर्चा

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें