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Giridih News:कांग्रेस और भाजपा ने तीन-तीन बार हासिल की है जीत

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Giridih News:जिले का धनवार विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण रहा है. यहां के चुनाव परिणाम पर पूरे प्रदेश की नजर रहती है. धनवार विधानसभा क्षेत्र का चुनाव हमेशा से दिलचस्प और संघर्ष कांटों भरा रहा है.

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फ्लैश बैक : धनवार विधानसभा क्षेत्र

जिले का धनवार विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण रहा है. यहां के चुनाव परिणाम पर पूरे प्रदेश की नजर रहती है. धनवार विधानसभा क्षेत्र का चुनाव हमेशा से दिलचस्प और संघर्ष कांटों भरा रहा है. इस सीट पर से अब तक कांग्रेस और भाजपा ने तीन-तीन बार जीत हासिल की है. वहीं झाविमो ने दो बार और भाकपा माले ने एक बार जीत दर्ज की है. धनवार विधानसभा चुनाव परिणाम की बात करें तो वर्ष 1972 के विस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पुनीत राय ने 10 हजार 290 वोट लाकर जीत हासिल की थी. वहीं दूसरे नंबर पर रहने वाले निर्दलीय प्रत्याशी जर्नादन राय को 9435 वोट मिले थे. 1977 के विस चुनाव में जनता पार्टी के प्रत्याशी हरिहर नारायण प्रभाकर ने जीत हासिल की और उन्हें 19 हजार 835 वोट मिले. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी गुलाम रसुल अंसारी को 6154 वोट मिले. 1980 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी तिलकधारी प्रसाद सिंह ने जीत दर्ज की. उन्हें 12 हजार 892 वोट मिले थे. वहीं भाजपा प्रत्याशी हरिहर नारायण प्रभाकर 8957 वोट लाकर दूसरे स्थान पर थे. 1985 के चुनाव में हरिहर नारायण प्रभाकर भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े और 15 हजार 464 वोट लाकर विजयी रहे. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी पुनीत राय 12 हजार 696 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया. वर्ष 1990 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हरिहर नारायण प्रभाकर 34 हजार 677 वोट लाकर जीत हासिल की. जबकि निर्दलीय प्रत्याशी बाल गोविंद प्रसाद यादव 15 हजार 360 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे. वर्ष 1995 के चुनाव में जनता दल के प्रत्याशी गुरू सहाय महतो विजयी हुए. उन्हें 38 हजार 604 वोट प्राप्त हुआ. वहीं 22 हजार 982 वोट लाकर कांग्रेस प्रत्याशी तिलकधारी प्रसाद सिंह दूसरे स्थान पर रहे. वर्ष 2000 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रवींद्र कुमार राय ने 34 हजार 145 वोट लाकर जीत हासिल किया. इस चुनाव में भाकपा माले प्रत्याशी राजकुमार यादव को 31 हजार 304 वोट मिले थे और वह दूसरे स्थान पर रहे. वर्ष 2005 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रवींद्र कुमार राय ने पुन: जीत दर्ज किया और उन्हें 42 हजार 357 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर भाकपा माले प्रत्याशी राजकुमार यादव रहे जिन्हें 39 हजार 023 वोट मिला था. वर्ष 2009 के चुनाव में झाविमो प्रत्याशी निजामुद्दीन अंसारी ने 50 हजार 392 वोट प्राप्त कर जीत हासिल किया. दूसरे स्थान पर पुन: भाकपा माले प्रत्याशी राजकुमार यादव रहे जिन्हें 45 हजार 419 वोट मिला. हालांकि वर्ष 2014 के चुनाव में भाकपा माले प्रत्याशी राजकुमार यादव ने 50 हजार 634 वोट लाकर विजयी हासिल किया. दूसरे नंबर पर झाविमो प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी रहे थे जिन्हें 39 हजार 922 वोट मिला था. वर्ष 2019 के चुनाव में झाविमो प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी जीते और उन्हें 52 हजार 352 वोट मिला था. दूसरे स्थान पर भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण प्रसाद सिंह रहे जिन्हें 34 हजार 802 वोट मिला था.

सिंचाई, बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था व उच्च शैक्षणिक संस्थान की कमी

धनवार विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई, बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था और उच्च शैक्षणिक संस्थान की कमी है. समुचित सिंचाई व्यवस्था की कमी के कारण किसानों को परेशानी होती है. कई खेत परती रह जाते हैं. इस क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था की कमी है. रोगियों को इलाज के लिए गिरिडीह, धनबाद, बोकारो और रांची जाने के लिए विवश होना पड़ता है. उच्च शैक्षणिक संस्थान की कमी विद्यार्थियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. महिला कॉलेज की मांग काफी दिनों से की जा रही है और यह चुनावी मुद्दा भी बनता रहा है. धनवार-डोरंडा रोड में रेलवे स्टेशन के पास ओवरब्रिज की मांग भी चुनावी मुद्दा होगा.

वर्ष – विजयी प्रत्याशी – दल

1. 1972 – पुनीत राय – कांग्रेस

2. 1977 – हरिहर नारायण प्रभाकर – जनता पार्टी3. 1980 – तिलकधारी प्रसाद सिंह – कांग्रेस

4. 1985 – हरिहर नारायण प्रभाकर – भाजपा5. 1990 – हरिहर नारायण प्रभाकर – कांग्रेस

6. 1995 – गुरू सहाय महतो – जनता दल7. 2000 – रवींद्र कुमार राय – भाजपा

8. 2005 – रवींद्र कुमार राय – भाजपा9. 2009 – निजामुद्दीन अंसारी – झाविमो

10. 2014 – राजकुमार यादव – भाकपा माले11. 2019 – बाबूलाल मरांडी – झाविमो

(सूरज सिन्हा, गिरिडीह)

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डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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