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अपने बच्चे के साथ खुद को अपना लेने की लड़ रही लड़ाई

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गढ़वा. गढ़वा जिले के धुरकी थाना क्षेत्र की रहने वाली 18 वर्षीय बिन ब्याही मां न्याय के लिए दर-दर भटक रही है. उसका आरोप है कि मेराल थाना क्षेत्र के देवगाना गांव निवासी सुजीत प्रजापति ने उसे शादी का झांसा देकर करीब एक साल पहले शारीरिक संबंध बनाया था. इससे वह गर्भवती हो गयी. जब उसने इस बारे में सुजीत को बताया, तो उसने बच्चा होने के बाद शादी करने का वादा किया. महिला के पास उसकी बात मान लेने के अलावा कोई रास्ता नहीं था. इसलिए एक अगस्त 2024 को उसने एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन जब उसने सुजीत से शादी की बात की, तो उसने साफ इनकार कर दिया. सुजीत का दावा था कि बच्चा उसका नहीं है. इस धोखे से आहत उक्त महिला ने धुरकी थाना में सुजीत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी. थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद जब पुलिस कार्रवाई में देरी हुई, तो महिला ने सुजीत के घर के बाहर धरना देना शुरू कर दिया. यह धरना लगभग एक महीने तक चला. इस दौरान उसने कई बार प्रशासन और पुलिस से न्याय की गुहार लगायी, लेकिन उसकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया. सोमवार को मेराल थाना प्रभारी और गढ़वा महिला थाना प्रभारी ने उक्त महिला से मुलाकात की और उसे आश्रय गृह में रहने का सुझाव दिया. हालांकि, रेखा ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और उसने प्रशासन से मांग की कि उसे और उसके बच्चे को सुजीत की जिम्मेदारी में रखा जाये, क्योंकि सुजीत ने ही उसे इस स्थिति में डाला है. कन्या विवाह एंड विकास सोसाइटी ने उठायी जिम्मेदारी प्रशासन के प्रयासों के बाद कन्या विवाह एंड विकास सोसाइटी संस्था ने महिला और उसके बच्चे को सुरक्षा और आश्रय देने की जिम्मेदारी उठायी है. संस्था के सचिव विकास माली ने कहा कि पीड़िता को कोर्ट का आदेश आने तक पूरी सुरक्षा और हर संभव मदद दी जायेगी. फिलहाल वह महिला और उसका बच्चा सुरक्षित हैं. उसका कहना है कि वह सुजीत से शादी और अपने बच्चे के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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