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बच्चों को विद्यालय जाने के लिए रास्ता नहीं

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बच्चों को विद्यालय जाने के लिए रास्ता नहीं

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गढ़वा प्रखंड के कोरवाडीह ग्राम में स्थित नव प्राथमिक विद्यालय जाने के लिए बच्चों के पास एक सुरक्षित और सुविधाजनक रास्ता नहीं है. बारिश के मौसम में समस्या और बढ़ जाती है जब रास्तों में पानी भर जाता है. ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों को अपने बस्ते सिर पर रखकर जलमग्न रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है. यह समस्या कोई एक-दो दिन की नहीं है. बच्चों को प्रतिदिन इस चुनौती से जूझना पड़ता है. इससे विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है. सबसे बड़ी चिंता यह है कि इन जलमग्न रास्तों से गुजरते समय बच्चों के साथ कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि अगर किसी बच्चे के साथ कोई अनहोनी होती है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा. विद्यालय के सहायक अध्यापक वीरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि यह समस्या काफी पुरानी है. अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. दरग़सल बच्चों और शिक्षकों को रोजाना इसी कठिनाई से गुजरकर विद्यालय पहुंचना पड़ता है. गांव का यह विद्यालय शहर से अधिक दूर भी नहीं है. फिर भी आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस सड़क का निर्माण कराना जरूरी नहीं समझा. इससे साफ है कि बच्चों की शिक्षा और उनकी सुरक्षा के प्रति प्रशासन और जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हैं. सहायक शिक्षक ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस सड़क का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाये. उसने बताया कि इस मामले की जानकारी उन्होंने स्थानीय मुखिया से लेकर उपायुक्त तथा मंत्री मिथिलेश ठाकुर को भी दी है. इधर चार दिनों तक लागातार हुई बारिश के बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर को समस्या से उन्होंन पुन: अवगत कराया है. वहीं मंत्री ने उन्हें आश्वास्त किया है कि शीघ्र ही अधिकारियों से बात कर विद्यालय के लिए रास्ते का निर्माण कराया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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