13.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 06:31 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

शहर में तीन-चार घंटे, वहीं गांवों में एक घंटे भी नहीं मिल रही बिजली

Advertisement

शहर में तीन-चार घंटे, वहीं गांवों में एक घंटे भी नहीं मिल रही बिजली

Audio Book

ऑडियो सुनें

गढ़वा में बिजली की गंभीर समस्या हो गयी है. पूरे जिले में ब्लैक आउट की स्थिति है. गढ़वा शहर को 24 घंटे में मात्र तीन-चार घंटे ही बिजली मिल रही है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति इससे भी बदतर है. कई इलाकों में 30 मार्च के बाद घंटे भर भी बिजली नहीं मिल रही. शहरी क्षेत्रों में बिजली के अभाव में दुकानें अंधेरा होते ही बंद करनी पड़ रही है. इसका असर व्यवसाय व अन्य धंधों पर पड़ रहा है. उल्लेखनीय है कि 30 मार्च को आयी आंधी में नेशनल ग्रिड से जुड़े डंडा में बिजली के चार बड़े टावर गिर गये थे. इसके बाद से गढ़वा जिले को हटिया (रांची) ग्रिड से मिलनेवाली बिजली पूरी तरह से बंद है. गढ़वा जिले में अभी पुरानी व्यवस्था के तहत सोननगर बिहार से 30 मेगावाट बिजली बी-मोड़ ग्रीड को मिल रही है. इसमें से 15 मेगावाट बिजली रेलवे को दी जा रही है. शेष 15 मेगावाट बिजली पूरे गढ़वा जिले में रोटेशन के हिसाब से वितरित की जा रही है.

- Advertisement -

गढ़वा को चाहिए 70 मेगावाट : बिजली की सामान्य व्यवस्था बहाल करने के लिए गढ़वा को कम से कम 70 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. इसमें 40 मेगावाट गढ़वा शहर एवं रंका के लिए जरूरी है. पूर्व में रिहंद यूपी से भी गढ़वा को बिजली मिलती थी. लेकिन वर्तमान में वहां मरम्मत का काम चल रहा है. चार अप्रैल से गढ़वा को रिहंद से 25 से 30 मेगावाट बिजली मिलने की संभावना है. लेकिन इसमें से आधी बिजली रेलवे को दी जायेगी. इस प्रकार से गढ़वा जिले में गिरे हटिया ग्रिड वाले बिजली के चार टावर खड़े होने तक गढ़वा को रिहंद एवं सोननगर से प्राप्त बिजली पर ही निर्भर रहना पड़ेगा. दोनो को मिलाकर रेलवे को देने के बाद 25 से 30 मेगावाट बिजली ही गढ़वा जिले को मिल सकेगी. जबकि यहां जरूरत 70 मेगावाट बिजली की है. सूत्रों के अनुसार अभी लगभग डेढ़ महीना तक जिला वासियों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है.

जमशेदपुर से मंगाये जा रहे जरूरी सामान

आंधी में जो चार टावर गिरे हैं, उसे फिर से खड़ा करने के लिए जमशेदपुर से सामग्री मंगायी गयी है. बताया गया कि अभी वहां से सामग्री गढ़वा पहुंची नहीं है. सामान पहुंचने के बाद टावर खड़ा करने का काम शुरू किया जायेगा. इसमें करीब डेढ़ महीने का समय लग सकता है.

गुरुवार से स्थिति में सुधार होगा : अधीक्षण अभियंता

इस संबंध में अधीक्षण अभियंता असगर अली ने बताया कि गुरुवार से गढ़वा में बिजली व्यवस्था में तुलनात्मक सुधार होने की संभावना है. रेहंद में मरम्मत का काम चल रहा था वह वाईंडअप हो गया है. उन्होंने कहा कि रोटेशन के हिसाब से जिले को बिजली दी जायेगी.

संवेदक पर दर्ज हो एफआआर : अजय उपाध्याय

गढ़वा में चरमरायी बिजली व्यवस्था को लेकर गढ़वा प्रखंड के गोढ़ेया निवासी अजय कुमार उपाध्याय ने कहा कि जरा सी तेज हवा में टावर गिर जाते हैं. इससे गढ़वा, मझिआंव व विश्रामपुर में ब्लैक आउट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. उन्होंने कहा कि टावर खड़ा करनेवाले संवेदक पर एफआइआर किया जाना चाहिए.

एक घंटे भी नहीं मिल रही है बिजली : करीब अंसारी

इस संबंध में मेराल के तिसरटेटुका निवासी करीब अंसारी ने कहा कि उनके क्षेत्र में दिनभर में एक घंटे बिजली भी नहीं मिल रही है. वे लोग ढीबरी युग में पहुंच चुके हैं. इसके लिये उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिये और जो लोग भी जिम्मेवार हैं, उनके उपर कारवाई की जानी चाहिये.

गढ़वा शहर में व्यवसाय प्रभावित : नंद कुमार गुप्ता

गढ़वा शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी नंद कुमार गुप्ता ने कहा कि बिजली के अभाव में गढ़वा में करोड़ो का व्यवसाय प्रभावित हो गया है. किसी भी शहर के विकास के लिए पहली शर्त बिजली होती है, लेकिन गढ़वा में हर साल गरमी में बिजली समस्या हो जाती है. बिजली न रहने से लोग पानी के लिए भी त्राहिमाम करने लगते हैं.

शाम होते बंद करनी पड़ती है दुकान : मंजय कश्यप

मंजय कश्यप ने कहा कि वह छोटे व्यवसायी हैं. उनके पास बैटरी इनवर्टर भी नहीं है. बिजली की वजह से उन्हें शाम ढलते ही दुकान बंद करनी पड़ रही है. जबकि वह अमूमन नौ बजे तक दुकान खोलते थे. उन्होंने कहा कि बिजली समस्या के लिए जिम्मेवार लोगों पर कारवाई होनी चाहिए.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें