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वृद्ध पिता को 12 किमी पैदल टांगकर लाया, पर आधार लिंक नहीं हुआ

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वृद्ध पिता को 12 किमी पैदल टांगकर लाया, पर आधार लिंक नहीं हुआ

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राशन कार्ड से आधार लिंक कराने के लिए 85 वर्षीय पिता को पुत्र ने 12 किलोमीटर दूर पैदल चलकर गोदी में टांगकर रंका अनुमंडल मुख्यालय लाया. लेकिन इसके बाद भी राशन कार्ड से आधार लिंक नहीं हो पाया. आखिरकार उसे पिता को उसी तरह टांग कर वापस घर ले जाना पड़ा. पुत्र भागीरथी सिंह (51 वर्ष) ने बताया कि वह अपने पिता मेघु सिंह (85) को राशन कार्ड से आधार लिंक कराने के लिए 12 किलोमीटर दूर सिरोईकला गांव के ढोंटी टोला से टांग कर रंका लाया था. उसने बताया कि डीलर विजय सिंह ने पिता के राशनकार्ड से आधार लिंक कराने को कहा था. इसके बाद वह 12 किलोमीटर से दूर पिता को टांग कर बीआरसी कार्यालय पहुंचा. पर ऑपरेटर ने कहा कि यहां सिर्फ स्कूली बच्चों का आधार कार्ड बनाया व सुधारा जाता है. इस कारण उसे वापस लौटना पड़ा. दरअसल भागीरथी के गांव में ऑटो या किराये का कोई अन्य वाहन नहीं है. गांव से करीब आठ किमी दूर मुख्य सड़क पर आने के बाद गाड़ी मिलती है. लेकिन मंगलवार को उसे कोई गाड़ी नहीं मिली, तो उसे पिता को उठा कर रंका लाना पड़ा. भागीरथी के पिता को अंत्योदय योजना के तहत प्रत्येक महीने 35 किलोग्राम चावल मिलता है. चावल लेने के लिए उसे हर माह अपने पिता को गोद में उठा कर पैदल तीन किलोमीटर दूर सिरोईकला जनवितरण प्रणाली के दुकानदार के पास ऑनलाइन मशीन में अंगूठा लगवाने आना पड़ता है. पिता का अंगूठा नहीं लगने पर चावल नहीं मिलता है. उसने बताया कि किसी महीने में डीलर के पास यदि अगूंठा नहीं लग पाया, तो उस महीने का चावल काट लिया जाता है. उसने कहा कि हर माह पिता को तीन किलोमीटर दूर टांग कर लाने में उसकी हालत खराब हो जाती है. उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उसने बताया कि अंगूठा लग जाने पर पहले पिता को टांग कर घर पहुंचाना पड़ता है. इसके बाद चावल लेने पुनः जनवितरण प्रणाली की दुकान आना पड़ता है.

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