17.3 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 08:45 pm
17.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jharkhand News: सिमडेगा का युवक 13 साल तक फ्री में करता रहा दिल्ली में काम, दुमका की महिला बनी देवदूत

Advertisement

सिमडेगा का एक युवक दिल्ली में पिछले 13 सालों से फ्री में काम कर रहा था. ठेकेदार लगातार उसका शोषण कर रहा था. दुमका की महिला को जानकारी मिलने के बाद वह युवक को अपने साथ झारखंड ले आई.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News : भगवान के यहां देर है अंधेर नहीं है. यह बाद सिमडेगा के युवक के लिए सटीक बैठती है. 13 साल तक अपने परिवार से दूर रहने के बाद आखिर में सिमडेगा का किशोर सोरेंग को उसका परिवार मिल ही गया. दुमका के गोपीकांदर निवासी सावित्री देवी मसीहा बन कर किशोर की मदद की.

- Advertisement -

13 साल बाद किशोर अपने परिवार से मिला

दरअसल, मजदूरी करने के बाद भी पैसे नहीं मिलने के कारण सिमडेगा के किशोर सोरेंग ने अपने परिवार से मिलने का आश छोड़ दिया था. किशोर के पास गोपीकांदर थाना क्षेत्र भालकी गांव के एक महिला मसीहा बनकर पहुंची और फिर अपने पैसे खर्च कर किशोर को गोपीकांदर लेकर आई. तब जाकर 13 वर्ष बाद किशोर को परिवार से मिलने का मौका मिला.

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल मामला बेरोजगारी को लेकर पलायन से संबंधित है. किशोर सोरेंग मूलरूप से सिमडेगा जिला के रेगारिह थाना क्षेत्र के कोंगसेरा गांव का रहने वाला है. किशोर के भाई सुबोध केरकेट्टा ने गोपीकांदर थाना में दिए आवेदन में बताया है कि उनका भाई किशोर वर्ष 2011 मजदूरी करने दिल्ली गया हुआ था. वहां उसे मजदूरी के बदले पैसे नहीं दिए जाते थे. किशोर को सिर्फ भरण-पोषण का खर्चा ठेकेदार उठाता था. उसके पास पैसे नहीं रहने के कारण वह घर नहीं आ पा रहा था. यही वजह रही कि किशोर 13 सालों तक बगैर मजदूरी के ही काम करता रहा.

देवदूत बन कर आई गोपीकांदर की सावित्री

किशोर जिस ठेकेदार के पास काम करता था उसके बगल में गोपीकांदर थाना क्षेत्र की भालकी गांव की सावित्री देवी रहती थी. दोनों ने एक दूसरे को झारखंड का रहने वाला बताया. किशोर ने अपनी आप बीती सावित्री को बताया. सावित्री अपनी पैसे खर्च कर किशोर को गोपीकांदर अपने घर लेकर आयी. 20 अगस्त को सावित्री और किशोर गोपीकांदर थाना में मामले की जानकारी दी. जिसके बाद गोपीकांदर थाना प्रभारी रंजीत मंडल ने सिमडेगा पुलिस से संपर्क किया. 23 अगस्त को किशोर के परिजन गोपीकांदर थाना पहुंचे. शुक्रवार को पुलिस ने किशोर को उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया है.

Also Read: राज्य सरकार की मानसिकता युवा विरोधी, लाखों युवक-युवतियों का भविष्य अंधकार में : डॉ लुईस

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें