18.1 C
Ranchi
Thursday, February 6, 2025 | 10:15 pm
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

समस्याओं के जाल में उलझा पिपरा पंचायत क्षेत्र का ग्रामीण विकास

Advertisement

बुनियादी सुविधाओं का घोर संकट, शिकायतों के बाद भी नहीं हुआ समाधान

Audio Book

ऑडियो सुनें

बुनियादी सुविधाओं का घोर संकट, शिकायतों के बाद भी नहीं हुआ समाधान अभिषेक, काठीकुंड दुमका जिले के काठीकुंड प्रखंड की पिपरा पंचायत, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और विविधता के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह पंचायत आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में संघर्ष कर रही है. यहाँ की 5500 से अधिक आबादी, जिसमें घटवाल, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हैं, जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की कमी के कारण कठिनाइयों का सामना कर रही है. पिपरा पंचायत के कई गांवों में सोलर जलमीनार की व्यवस्था तो है, लेकिन यह केवल नाम मात्र की रह गयी है. झगड़ाही पहाड़िया टोला और घटवार टोला जैसे स्थानों पर जलमीनार बंद होने से 45 से अधिक परिवार पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार संबंधित विभागों और जनप्रतिनिधियों से शिकायत की है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला. पंचायत में कई ग्रामीण पथों का निर्माण और जीर्णोद्धार हुआ है, लेकिन कुछ गांवों में अब भी सड़कें सिर्फ एक सपना बनी हुई हैं. भवरपाथर गांव के ग्रामीणों को पक्की सड़क की कमी का दंश झेलना पड़ रहा है. बारिश के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, जब झिली गांव तक पहुंचना लगभग असंभव हो जाता है. इसी प्रकार, नुनाडंगाल से सिजुआदुम गांव तक पक्की सड़क का अभाव यहां के निवासियों के लिए बड़ी बाधा है. सिजुआदुम गांव, काठीकुंड-दुमका सीमा पर स्थित होने के कारण एक महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन बुनियादी ढांचे की कमी इसके विकास में बाधा बन रही है. फिटकोरिया गांव में एकलव्य आवासीय मॉडल विद्यालय का निर्माण वर्षों पहले हो चुका है, लेकिन इसका संचालन आज तक शुरू नहीं हुआ. बड़ी संस्थागत संरचना होने के बावजूद यहां छात्रों और संसाधनों की कमी के कारण शिक्षक दूसरे विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिए गए हैं. यह स्थिति पंचायत के विकास के प्रति सरकारी उदासीनता को दर्शाती है. सुल्तानाबाद गांव की कच्ची सड़क, जो मुख्य मार्ग से सटी है, ग्रामीणों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनी हुई है. खड़ी चढ़ाई और पथरीली सतह के कारण यहां गिरने की घटनाएं आम हो गई हैं. दूसरी ओर, तिलाईटाड़ से सटे मार्ग की दुर्दशा भी ग्रामीणों के लिए चुनौतीपूर्ण है. पिपरा पंचायत के ग्रामीणों की मांग है कि यहां सड़कों का निर्माण, जलमीनारों की मरम्मत, और आवासीय विद्यालय का संचालन शीघ्र शुरू किया जाये. यदि इन बुनियादी आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाये, तो यह पंचायत आने वाले समय में विकास की नई मिसाल पेश कर सकती है.

- Advertisement -

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें