jharkhand news, santhali panchhi saree, jharkhand, ias officer, rajeshwari b, dumka, deputy commissioner : रांची : झारखंड में पदस्थ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) की अधिकारी को ‘संथाली पंछी साड़ी’ इतनी पसंद आयी कि उन्होंने इसे पहनकर तस्वीरें खिंचवायी और उसे सोशल मीडिया पर शेयर भी किया. इस आइएएस अधिकारी इसके साथ लिखा कि संथाली संस्कृति हमें सरलता और सादगी से जीना सिखाती है. यह हमें प्रकृति के आदर और उसके संरक्षण का संदेश भी देती है.
![झारखंड की महिला आइएएस अधिकारी को पसंद आयी ‘संथाली पंछी साड़ी’, सोशल मीडिया पर शेयर की Pics 1 Undefined](https://pkwp1.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/Prabhatkhabar/2020-07/d5bd950d-d4a4-46bf-adaf-e8466f4a93e5/Rajeshwari_B_in_Santhali_Saree5.jpeg)
यह महिला आइएएस अधिकारी झारखंड की उप-राजधानी दुमका की उपायुक्त हैं. नाम है राजेश्वरी बी. मंगलवार (30 जून, 2020) को ‘हूल क्रांति दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचीं थीं. इसी दौरान उपायुक्त राजेश्वरी बी ने ‘संथाली पंछी साड़ी’ पहनी और संथाल हूल क्रांति के नायकों सिद्धो-कान्हू मुर्मू और चांद-भैरव को श्रद्धांजलि दी.
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संथाल हूल क्रांति को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की पहली क्रांति माना जाता है. संथाल परगना के वीर सपूतों सिद्धो-कान्हू मुर्मू और चांद-भैरव ने वर्ष 1855 में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था. स्वतंत्रता और न्याय के लिए लड़ते हुए ये लोग शहीद हो गये. राजेश्वरी बी ने इस अवसर पर कहा कि सिद्धो-कान्हू और चांद-भैरव आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं.
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Posted By : Mithilesh Jha