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दुमका : पीजेएमसीएच की मोर्चरी में केवल एक शव रखने की ही व्यवस्था, फ्रीजर के बाहर रखने से आती है दुर्गंध

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फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शव को रखने के लिए दो फ्रीजर लगाये गए हैं. इसमें भी एक फ्रीजर दो महीने से खराब पड़ा हुआ है. ऐसे में फ्रीजर से बाहर शवों को रखने की मजबूरी हो जाती है. शव से दुर्गंध आने लगता है. तब तो पूरा इलाका और उसे रोड से गुजरनेवालों का जीना मुश्किल हो जाता है.

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दुमका : फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल का पोस्टमार्टम हाउस में आवश्यक सुविधाओं का घोर अभाव है. पोस्टमार्टम हाउस के गेट आदि जर्जर हो जाने के बाद विभागीय पहल से मरम्मत हो रही है. रंग-रोगन भी होना है, लेकिन आधारभूत व्यवस्था के अभाव में यह आज भी बदहाल स्थिति में है. पीजेएमसीएच के पोस्टमार्टम हाउस में प्रति वर्ष 550 से अधिक शवों का पोस्टमार्टम कराया जाता है. अज्ञात शवों को सुरक्षित रखने के लिए पोस्टमार्टम हाउस के पीछे मोर्चरी यानी शीत गृह बनाया गया है. जिसमें शव को रखने के लिए दो फ्रीजर लगाये गए हैं. इसमें भी एक फ्रीजर दो महीने से खराब पड़ा हुआ है. कई बार ऐसा हाेता है कि तीन-चार शव 72 घंटे के लिए यहां सुरक्षित रखे हुए होते हैं. ऐसे में फ्रीजर से बाहर शवों को रखने की मजबूरी हो जाती है. शव से दुर्गंध आने लगता है. कई मामलों में तो शवों की स्थिति पहले से ही काफी खराब हुई रहती है. तब तो पूरा इलाका और उसे रोड से गुजरनेवालों का जीना मुश्किल हो जाता है. फिलहाल विभाग व इसमें लगाये गये कर्मी भी मानते हैं कि प्रमंडल के दूसरे जिलों से भी अब शव यहां आते हैं. ऐसे में यहां की मार्चरी के लिए 10 फ्रीजर की आवश्यकता है.


पोस्टमार्टम हाउस में नही है बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था

वैसे पोस्टमार्टम रात में कम ही होता है फिर भी कई आकस्मिक स्थिति होने पर रात में भी पोस्टमार्टम होता है. वरीय अधिकारियों के निर्देश पर अगर पोस्टमार्टम की जाती है तो बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जेनरेटर किराये पर लाने की नौबत आ जाती है. हालांकि नियमानुसार प्रत्येक दिन सुबह से शाम पांच बजे तक पोस्टमार्टम की सुविधा उपलब्ध है. प्रति वर्ष 500 से 600 शवों का पोस्टमार्टम किया जाता है. सदर अस्पताल दुमका को तत्काल मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के तौर पर उपयोग में लाया जा रहा है. ऐसे में फोरेंसिक एक्सपर्ट की सुविधा होने के कारण दुमका जिला ही नही प्रमंडल के अन्य जिलों से भी शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए पीजेएमसीएच लाया जाता है. यहां संदेहास्पद या आकस्मिक मौत होने पर मृत्यु का वास्तविक कारण मौत का समय आदि जानने के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया जाता है. जिससे पुलिस को जांच में मदद मिलती है.

क्या कहते हैं सुपरिटेंडेंट

पीजेएमसीएच, दुमका के सुपरिटेंडेंट डॉ अनुकरण पूर्ति ने कहा कि मोर्चरी में लगे खराब फ्रीजर को मरम्मत कराने के लिए संबंधित कंपनी से संपर्क किया गया है. जल्द ही दुरुस्त करा दिया जायेगा. नया फ्रीजर मंगवाने की प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही मोर्चरी और पोस्टमार्टम हाउस के लिए नया जेनरेटर लगाया जायेगा. मरम्मत और रंगाई का काम चल रहा है.

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