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दो दर्जन से ज्यादा गांवों को पक्की सड़क नसीब नहीं

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मुख्य सड़क से गांव पहुंचने में कच्ची सड़क ही सहारा, आवाजाही में परेशानी

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सबसे ज्यादा बिलकांदी पंचायत के गांवों में दिख रही बदहाली प्रतिनिधि, रानीश्वर आजादी के 76 साल बाद तथा बिहार से झारखंड अलग राज्य बनने के 23 साल बाद भी प्रखंड के दो दर्जन से भी ज्यादा गांवों तक पहुंचने के लिए अभी तक पक्की सड़क नहीं बनी है. ऐसे गांवों के ग्रामीणों को आज भी कच्ची सड़कों से आना जाना करना पड़ रहा है. सबसे खराब स्थिति बृंदावनी पंचायत के आदिम जनजाति पहाड़िया व संताल बहुल गांव बुधुडीह व पाकुड़तला की है. गांव पहाड़ के ऊपर स्थित है. यहां तक पहुंचने के लिए अभी तक सड़क नहीं बनी है. ग्रामीणों को आज भी पहाड़ी पगडंडी के भरोसे आवाजाही करना पड़ रहा है. किसी के बीमार पड़ने पर अस्पताल तक पहुंचाने के लिए खटिया में टांग कर मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ रहा है. सुंदरडीह से चुआपानी, पाकुड़तला होते हुए बुधुडीह तक कि दूरी करीब चार किलोमीटर होगी. इसके अलावा बिलकांदी पंचायत के कई गांवों तक पहुंचने के लिए आज तक पक्की सड़क नहीं बनी है. पंचायत के बिलकांदी से मसानजोर, जामजुड़ी होते हुए पाकपहाड़ी तक करीब साढ़े तीन किलोमीटर सड़क कच्ची है. पंचायत के कालीपाथर से सोनाईपुर व कांजीहाड़ा तक पक्की सड़क नहीं बनी है. सड़क पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के राजनगर प्रखंड को जोड़ती है. बिलकांदी से आदिवासी बहुल काटाडुमरा गांव के ग्रामीणों को भी पक्की सड़क नसीब नहीं हो सकी है. बरसात में आवाजाही करना जंग जीतने से कम नहीं बांसबोना से श्यामपुर तथा शिलाजुड़ी से मेहंदीपुर तक कच्ची सड़क है. पंचायत के नागलभांगा से मेहंदीपुर तथा नागलभांगा से बेनियाग्राम सड़क भी कच्ची है. सालतोला पंचायत के आढ़ाईपुर से नयापाड़ा होते हुए पारपलसा तक सड़क कच्ची रहने से ग्रामीणों को बरसात में आवाजाही करना जंग जीतने से कम नहीं होता है. सालतोला पंचायत के ही तिलाबनी से पाकुड़िया तक सड़क भी पक्की नहीं बनायी गयी है, जबकि दोनों गांव के बीच जोरिया में एक दशक पहले उच्चस्तरीय पुल निर्माण कराया गया है. पलसा से दातनकाठी होते हुए बड़जोल तक कच्ची सड़क है. सड़क पश्चिम बंगाल के मुरालपुर को जोड़ती है. सुखजोड़ा पंचायत के एकतला से नौरंगी होते हुए रागडीह तथा सुखजोड़ा से लताबनी तक कच्ची सड़क से परेशानी ग्रामीणों की हो रही है. सादीपुर पंचायत के हकिगतपुर से खुशदिलपुर तथा जयपहाड़ी से गाढाटोला सड़क भी कच्ची है. गाढाटोला तक पहुंचने के लिए पगडंडी के सहारे पहुंचना पड़ेगा. पक्की सड़क से नहीं जुड़ पाया नांदना पहाड़ी कुमिरदहा पंचायत के कुमिरदहा से आमपाड़ा होते हुए गिरिपुर, रांगालिया पंचायत के लकड़ाघाटी से गिरिपुर व पलाशपाड़ा से पाथरचाल, गोबिंदपुर पंचायत के मोहुलपुर से चांपाफुली तथा मुख्य सड़क से बागजोबड़ा, दक्षिणजोल पंचायत के बेलवुनी से गुलामसुली होते हुए निझुरी तक पक्की सड़क बनाने की मांग ग्रामीण लंबे समय से होती आ रही है. पाटजोड़ पंचायत के पहाड़पुर से नांदना तथा विशुनडीह से राजुडीह होते हुए पहाड़पुर तक पक्की सड़क निर्माण हो जाने से नांदना पहाड़ी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा. इसके अलावा और भी कई गांवों को मुख्य सड़क से पक्की सड़क से आज भी नहीं जोड़े गये हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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