17.1 C
Ranchi
Monday, February 24, 2025 | 12:24 am
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

दुमका : संताल परगना के 10121 में महज 83 गांवों के हर घर, स्कूल व आंगनबाड़ी में पेयजल कनेक्शन

Advertisement

ग्रामीण क्षेत्र में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही हैं. विभागीय उदासीनता के कारण 10 साल के बाद भी ककनी गांव की जलमीनार चालू नहीं हो पायी है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

दुमका : संताल परगना प्रमंडल के महज 83 गांव ही ऐसे हैं, जहां की ग्रामसभा ने अब तक यह घोषित किया है कि उनके गांव के सभी घर के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूल में जलापूर्ति का कनेक्शन कर दिया गया है. पूरे संताल परगना में गांवों की संख्या 10121 है. पूरे प्रमंडल में अब तक न तो एक भी प्रखंड और न कोई एक पंचायत के शत प्रतिशत घरों तक जलापूर्ति का कनेक्शन हो पाया है. पूरे राज्य में भले ही एक भी ब्लॉक इस उपलब्धि को हासिल न कर पाया है, लेकिन 86 पंचायत 100 प्रतिशत कनेक्शन देने की रिपोर्ट कर चुकी हैं, इनमें से 36 को तो सर्टिफाइड किया जा चुका है. इसी तरह पूरे राज्य में 1783 गांव में 100 प्रतिशत कनेक्शन देने की रिपोर्ट दी गयी है, लेकिन सर्टिफाइड इनमें से केवल एक तिहाई यानी 542 गांव ही हो सके हैं. संताल परगना प्रमंडल में कुल 332 गांव ऐसे हैं, जहां के शत-प्रतिशत घरों तक कनेक्शन पहुंचा देने व उन्हें नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने का दावा किया जा रहा है. पर इनमें से 83 को छोड़ दिया जाये, तो अन्य 249 गांवों की ग्रामसभा ने शत-प्रतिशत हाउसहोल्ड को जलापूर्ति मिलने संबंधित घोषणा नहीं की है.


अभी भी संताल परगना के 10.53 लाख घरों तक जलापूर्ति नहीं

जल जीवन मिशन के तहत सरकार अगले साल यानी 2024 तक हर घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है. केंद्र व राज्य सरकार के फिप्टी-फिप्टी की साझेदारी से इस योजना का क्रियान्वयन हो रहा है, पर निचले पायदान पर संताल परगना के ही जिले दिख रहे हैं. पाकुड़ नीचे से पहले, गोड्डा जिला दूसरे व जामताड़ा जिला नीचे से तीसरे स्थान पर है. पूरे संताल परगना में 10 लाख 52 हजार 947 घरों तक जलापूर्ति के लिए कनेेक्शन नहीं पहुंचाया जा सका है. पूरे राज्य में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों में संताल परगना से कोई जिला शामिल नहीं है. दुमका जिला 12वें स्थान पर है, जहां के 46.08 प्रतिशत घरों तक जलापूर्ति पहुंचाने का दावा हो रहा है. दुमका जिले में 158178, देवघर में 166964, जामताड़ा में 104835, साहिबगंज में 173731 घरों में कनेक्शन नहीं हो पाया है. पाकुड़ व गोड्डा में दो लाख से अधिक का लक्ष्य अब भी बचा हुआ है. पाकुड़ में 201501 घर तथा सर्वाधिक गोड्डा जिले में 247738 घरों तक पानी पाइपलाइन से नहीं पहुंचाया जा सका है.

कदमा व मधुबन गांव में वर्षों से जलापूर्ति ठप

काठीकुंड प्रखंड के कदमा व मधुबन गांव में वर्षों से जलापूर्ति ठप है. कदमा गांव स्थित मुखिया टोले में 16,000 लीटर क्षमता वाली जलमीनार का निर्माण वर्ष 2014-15 में पेयजल व स्वच्छता विभाग द्वारा कराया गया था. इस जलमीनार से 80 परिवार को घर तक पाइपलाइन के माध्यम से कनेक्शन दिया गया था. जलमीनार का सुचारु रूप से प्रयोग सुनिश्चित हो, इसके लिए एक समिति भी बनायी गयी थी. समिति का काम जलमीनार के रखरखाव से संबंधित था. ग्रामीणों को हर महीने 62 रुपये पानी के उपयोग के बदले जमा करने थे, जो जलमीनार में आयी तकनीकी खराबी, उसके रखरखाव को लेकर निर्धारित थे. ग्रामीणों के मुताबिक मोटर खराब होने की वजह से विगत तीन वर्षों से जलमीनार पुर्ण रूप से उपयोगविहीन पड़ा है. कुछ यही हाल मधुबन गांव स्थित ग्रामीण जलापूर्ति योजना का है. जानकारी के मुताबिक 20 हजार लीटर क्षमता वाली इस जलमीनार का निर्माण के डेढ़-दो साल तक योजना का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा था, लेकिन पिछले तीन वर्षों से जलापूर्ति ठप है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 250 से ज्यादा घर है. अधिकतर घरों में जलापूर्ति का कनेक्शन था. जलापूर्ति बाधित होने के कारण ग्रामीणों को पानी के लिये मशक्कत करनी पड़ती है.

प्रतापपुर, सीधाचातर, इंदरबनी सहित कई टंकी से जलापूर्ति बंद

शिकारीपाड़ा प्रखंड की खाडूकदमा पंचायत के प्रतापपुर में नीर निर्मल परियोजना के तहत 60.25 लाख की लागत से बनी टंकी व बिछी पाइप लाइन बेकार पड़ी हुई है. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से वर्ष 2015-16 में प्रतापपुर में सोलर ऊर्जा से संचालित टंकी का निर्माण किया गया था. साथ ही गांव में तीनों टोलों में पाइप लाइन बिछायी गयी थी. आदिवासी बाहुल्य इस गांव के तीनों टोलों की आबादी करीब एक हजार की है. टंकी के ऑपरेटर राजेश राणा के अनुसार करीब दो वर्ष पूर्व टंकी में जल चढ़ाना बंद हो गया. इसकी सूचना विभाग को दी गयी. विभाग द्वारा इसकी जांच करायी गयी. जांच के दौरान बताया कि टंकी के मोटर व सर्किट में खराबी आने से जलापूर्ति बंद है. मोटर व सर्किट बदलने का आश्वासन देकर विभाग के कर्मी चले गये, फिर दुबारा नहीं आए. दूसरी ओर प्रखंड के सीधाचातर ,इंदरबनी, काजलादहा, पलासी , हुलासडंगाल में निर्मित टंकी से सर्किट, मोटर आदि खराबी होने के कारण जलापूर्ति बंद है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता प्रशांत हांसदा के मुताबिक प्रतापपुर के सोलर ऊर्जा से संचालित टंकी के खराबी से संबंधित प्राक्कलन सहित सीधाचातर ,इंदरबनी, काजलादहा, काजलादहा, पलासी , हुलासडंगाल के टंकी की खराबी की प्राक्कलन विभाग को दिया गया है. फंड का आबंटन मिलते ही जलापूर्ति चालू करवा दी जायेगी.

पंडुआ पहाड़िया टोला में बनी थी जलमीनार, 15 दिन भी जलापूर्ति नहीं

रामगढ़ प्रखंड के छोटी रणबहियार पंचायत के पंडुआ ग्राम के पूर्वी टोले के ग्रामीण भीषण जल संकट का सामना कर रहे हैं. इस टोले में आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के लगभग 40 घर हैं. इसमें लगभग दो सौ लोग निवास करते हैं. तीन चापानल पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा लगाये गये हैं. इनमें से दो खराब पड़े हुए हैं. जबकि एक से थोड़ा-बहुत पानी निकलता है. कल्याण विभाग द्वारा लगभग चार वर्ष डीप बोरिंग कराकर सीमेंट की टंकी वाली जल मीनार लगायी गयी था. पर पंद्रह-बीस दिन के बाद ही जलमीनार ने काम करना बंद कर दिया. ग्रामीणों के अनुसार, संवेदक ने टंकी के निर्माण के बाद उसमें रंग-रोगन भी नहीं कराया था. निर्माण के बाद से ही टंकी से पानी का रिसाव होता था. फिर सोलर मोटर भी खराब हो गया. विभाग को सूचना भी दी गई. लेकिन विभागीय अधिकारियों ने जलमीनार को ठीक कराकर चालू कराने में कोई अभिरुचि नहीं दिखायी. मुखिया तथा पंचायत सचिव से अनुरोध करने के बाद भी जलमीनार तथा सोलर पंप को ठीक नहीं कराया गया. ऐसे में पानी की जरूरत के लिये ग्रामीण चापानल पर निर्भर करते हैं. दो चापाकल के पूरी तरह से और एक के आंशिक खराब होने के कारण पहाड़िया टोले के ग्रामीण गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं. पंचायत सचिव रविन्द्रनाथ पंडित कहते हैं, जल मीनार के खराब होने की रिपोर्ट जिला प्रशासन को पूर्व में ही भेजी जा चुकी है. चापानलों की मरम्मत भी करायी गयी थी. लेकिन भूमिगत जल का स्तर लगातार नीचे जाने के कारण चापानल से पर्याप्त पानी नहीं मिलता.

दो जलापूर्ति योजना, पर लोगों को लाभ नहीं

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से मसानजोर डैम में इंटेकवेल निर्माण कराकर व जलापूर्ति प्लांट स्थापित कर ग्रामीणों को जलापूर्ति करने के लिए करोड़ों की राशि खर्च की गयी है. पर योजना का ग्रामीणों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. मसलिया प्रखंड क्षेत्र के कोलारकोंदा में गोबिंदपुर ग्राम समूह ग्रामीण पाईप जलापूर्ति योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2013-14 में प्लांट लगाया गया था, जिसकी प्राक्कलित राशि करीब 18 करोड़ रुपये थी. 1.5 एमएलडी क्षमता वाली पानी टंकी निर्माण कराकर 12859 आबादी को जलापूर्ति करने का लक्ष्य निर्धारित था. इस योजना के तहत मसलिया व रानीश्वर प्रखंड के दर्जनों गांवों को जलापूर्ति का लक्ष्य था. दुमका के मसलिया प्रखंड की कोलारकोंदा पंचायत और रानीश्वर प्रखंड की बांसकुली, बिलकांदी व गोबिंदपुर पंचायत के पश्चिम बंगाल सीमा के दिगुली गांव तक जलापूर्ति के लक्ष्य के विरुद्ध फिलहाल मसलिया प्रखंड के कुछ गांवों तक व रानीश्वर प्रखंड के बांसकुली व बिलकांदी पंचायत के गांवों तक ही जलापूर्ति होती है, वह भी नियमित रूप से नहीं. यही हाल मसानजोर डैम के धाजापाड़ा में 18 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जलापूर्ति योजना की है. सदर प्रखंड की रानीबहाल, दरबारपुर तथा रानीश्वर प्रखंड की सादीपुर, कुमिरदहा, पाथरा व सुखजोड़ा पंचायत के दर्जनों गांवों तक जलापूर्ति का लक्ष्य था. शुरुआती दौर में अंतिम छोर पर पानी पहुंचा था. इसके बाद से रानीश्वर प्रखंड के गांवों तक पानी पहुंचना ही बंद हो गया है.

Also Read: देवघर नगर आयुक्त ने लोगों से की सद्भावना कोष में दान करने की अपील

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें