18.1 C
Ranchi
Saturday, February 22, 2025 | 12:17 am
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

DHANBAD NEWS : धनबाद की राजकीय लाइब्रेरी की गरिमा बढ़ा रही संविधान की मूल कॉपी

Advertisement

DHANBAD NEWS : संविधान की 16 मूल कॉपी में से एक धनबाद में है सुरक्षित

Audio Book

ऑडियो सुनें

DHANBAD NEWS : शोभित रंजन, धनबाद. भारतीय संविधान को अंगीकार करने के मंगलवार को 75 वर्ष पूरे हो गये हैं. 1950 में जब भारत का संविधान तैयार हुआ था, उस संविधान की कुल 16 मूल प्रति छापी गयी थी, उनमें से एक मूल कॉपी धनबाद के गोल्फ ग्राउंड के पास बने राजकीय लाइब्रेरी में मौजूद है. यह मूल कॉपी 1950 में ही धनबाद लायी गयी थी. इस मूल प्रति में उस वक्त के सभी मंत्रियों के मूल हस्ताक्षर मौजूद हैं. साथ ही देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के भी हस्ताक्षर हैं. लाइब्रेरियन अनीश कुमार ने बताया कि संविधान की इस प्रति में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर हैं. संविधान लागू होने के समय देश भर में कुल 16 मूल प्रतियां जारी की गयी थीं, उन्हीं में से यह एक कॉपी यहां की राजकीय लाइब्रेरी में है, जो धनबाद के लिए एक गर्व का विषय है. इसे आलमारी में सुरक्षित रखा जाता है. गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस व संविधान दिवस के मौके पर इसे देखने के लिए काफी लोग आते हैं.

1950 में बन कर तैयार हुआ था संविधान :

संविधान को तैयार करने में दो साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे. यह 26 जनवरी 1950 को आधिकारिक रूप से लागू हुआ था. यह दिन हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.

इटैलिक अक्षरों में लिखा गया है संविधान की मूल प्रति :

संविधान की मूल प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपने हाथों से कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी थी. संविधान की मूल प्रति को नंद लाल बोस व राम मनोहर सिन्हा सहित शांति निकेतन के कलाकारों ने सजाया था. मूल संविधान के हिंदी संस्करण का सुलेखन वसंत कृष्णन वैद्य ने किया था.

खास कागज में लिखा गया है संविधान :

संविधान की मूल प्रति में जिस कागज का प्रयोग किया गया है, उसे 1000 सालों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. इसके साथ ही संविधान में लिखे सभी अक्षरों को पढ़ा भी जा सकता है. इसमें नियमों व कर्तव्यों को समझाने के लिए कई प्रकार के चित्र बनाये गये हैं. इसके कवर पृष्ठ पर स्वर्ण अक्षर अंकित किया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें