11.1 C
Ranchi
Monday, February 10, 2025 | 06:10 am
11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jharkhand News : आइएसएम धनबाद अब ब्लास्टिंग और वाटर मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी में भी बनेगा हब, राज्य की इस समस्या को करेगा दूर

Advertisement

इनवायरमेंट इंजीनियरिंग विभाग के प्रो (डॉ) अंशु माली को सेंटर फॉर वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट का हेड बनाया गया है. इन दोनों सेंटरों को विकसित करने के लिए देश-विदेश के विशेषज्ञों की मदद ली जायेगी. इन दोनों सेंटरों की स्थापना के प्रस्ताव को बीओजी के चेयरमैन प्रो प्रेम व्रत और संस्थान के निदेशक प्रो राजीव शेखर ने खूब सराहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand News, Dhanbad News, Water management technology in ism dhanbad धनबाद : आइआइटी-आइएसएम माइनिंग के बाद ब्लास्टिंग टेक्नोलॉजी और वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट में भी हब बनेगा. संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है. बीओजी ने इसके लिए संस्थान में सेंटर फॉर ब्लास्टिंग टेक्नोलॉजी और सेंटर फॉर वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट की स्थापना को मंजूरी दी है. दोनों सेंटरों के लिए बीओजी ने हेड भी नियुक्त कर दिया है. माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग के प्रो (डॉ) एके मिश्रा को सेंटर फॉर ब्लास्टिंग टेक्नोलॉजी का हेड बनाया गया है.

- Advertisement -

इनवायरमेंट इंजीनियरिंग विभाग के प्रो (डॉ) अंशु माली को सेंटर फॉर वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट का हेड बनाया गया है. इन दोनों सेंटरों को विकसित करने के लिए देश-विदेश के विशेषज्ञों की मदद ली जायेगी. इन दोनों सेंटरों की स्थापना के प्रस्ताव को बीओजी के चेयरमैन प्रो प्रेम व्रत और संस्थान के निदेशक प्रो राजीव शेखर ने खूब सराहा है.

खनन और निर्माण क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करेगा सेंटर फॉर ब्लास्टिंग टेक्नोलॉजी :

इसी तरह सेंटर फॉर ब्लास्टिंग टेक्नोलॉजी खनन और निर्माण क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करेगा. यह सेंटर हर तरह की औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नियंत्रित ब्लास्टिंग तकनीक विकसित करेगा. इस सेंटर के हेड जाने माने ब्लास्टिंग एक्सपर्ट व माइनिंग इंजीनिरिंग विभाग के प्रो एके मिश्रा को बनाया गया है. साथ ही, इसके तीन कोऑर्डिनेटर भी बनाये गये हैं.

इनमें प्रो सार्थक कुमार सिंह, प्रो सुकांतो चक्रवर्ती व प्रो बीएस चौधरी शामिल हैं. प्रो मिश्रा के पास बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के लिए ब्लास्टिंग तकनीक विकसित करने का अनुभव है. उनकी देखरेख में चीन से लगी सीमा पर उत्तराखंड में हिमालय के ऊंचे पहाड़ों पर सड़क का निर्माण हुआ है. उनके इसी अनुभव को देखते हुए उन्हें इस सेंटर की कमान सौंपी गयी है.

पूर्ण हो चुके प्रोजेक्ट की समीक्षा :

बीओजी में संस्थान में पिछले तीन वर्षों के दौरान पूर्ण रिसर्च प्रोजेक्ट की समीक्षा की गयी. इसके साथ ही संस्थान द्वारा विदेशी संस्थानों के साथ शुरू किये सैंडविच प्रोग्राम की भी समीक्षा की गयी. इसके अलावा संस्थान में चल रहे भवनों के कार्य की भी समीक्षा की गयी और उसमें तेजी लाने को कहा गया.

जल संरक्षण व गुणवत्ता सुधारने को देशी तकनीक

आइआइटी-आइएसएम का सेंटर फॉर वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट झारखंड में पेयजल की समस्या दूर करने में मददगार साबित होगा. इस सेंटर को विकसित करने के लिए तीन को-ऑर्डिनेटर भी नियुक्त किये गये हैं. इनमें प्रो यूके सिंह, प्रो पीके सिंह और प्रो श्रीनिवास शामिल हैं.

यह सेंटर तीन स्तरों प्लानिंग, टेक्नोलॉजी और मैनेजमेंट पर काम करेगा. यह जल संरक्षण और उसकी गुणवत्ता को सुधारने के लिए उन्नत टेक्नोलॉजी के साथ देशी तकनीक को भी विकसित करेगा. इसके साथ ही इस मुहिम से आम लोगों को जोड़ने के लिए जागरूकता अभियान भी चलायेगा. यह सेंटर वन क्षेत्र को भी संरक्षित करने का काम करेगा. इसके लिए एग्रो-फॉरेस्ट्री को बढ़ावा दिया जायेगा.

तैयार करेगा मॉडल सेंटर

सेंटर फॉर वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट राज्य की उन जगहों पर विशेष तौर पर काम करेगा, जो क्षेत्र गंभीर जलसंकट से जूझ रहे हैं. शुरुआत में ऐसे कुछ सेंटरों को मॉडल के रूप में विकसित किया जायेगा. यह सेंटर 2030 तक देश को जल संकट की समस्या से पूरी तरह निजात दिलाने के लक्ष्य के साथ काम करेगा.

Posted By : Sameer Oraon

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें